बैतूल , नवम्बर 20 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में 9 करोड़ 84 लाख रुपये की अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी का खुलासा बैतूल पुलिस और साइबर सेल ने संयुक्त कार्रवाई में कर दिया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी के निर्देशन में संचालित हाई-टेक जांच का नतीजा है। मामले में साइबर टीम की भूमिका निर्णायक रही।

मजदूरी करने वाले ग्रामीण बिसराम इवने द्वारा अपने जन-धन खाते में संदिग्ध लेन-देन की शिकायत देने के बाद जांच की शुरुआत हुई। पुलिस जांच में सामने आया कि जून 2025 से अब तक उसके खाते से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई थी। आगे की जांच में यह भी पता चला कि एक ही बैंक के सात अलग-अलग खातों में कुल 9 करोड़ 84 लाख 95 हजार 212 रुपये के अवैध लेन-देन किए गए हैं। इनमें से एक खाता धारक मृत व्यक्ति राजेश बर्डे भी था, जिसका खाता गिरोह सक्रिय रूप से उपयोग कर रहा था।

गिरोह ने मृतक के खाते में मोबाइल नंबर बदलकर, एटीएम कार्ड जारी कराकर और इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय कराकर लगातार बड़े ट्रांजैक्शन किए। पुलिस के अनुसार बैंक शाखा में पासबुक एंट्री करने वाला एक अस्थायी कर्मचारी इस गिरोह का मुख्य सहयोगी था, जिसने गोपनीय बैंकिंग जानकारी गिरोह तक पहुंचाई और खातों की किट तैयार कर इंदौर भेजी जाती थी।

इसी कड़ी में पुलिस ने इंदौर के दो ठिकानों पर दबिश देकर 15 मोबाइल फोन, 25 सिम, 21 एटीएम कार्ड, 11 पासबुक, 7 चेकबुक, 2 लैपटॉप, 2 पीओएस मशीनें, नकदी और दर्जनों बैंकिंग रसीदें सहित भारी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। पुलिस ने राजा उर्फ आयुष चौहान, अंकित राजपूत और नरेंद्र सिंह राजपूत को गिरफ्तार किया है।

जांच में कोतवाली थाना प्रभारी नीरज पाल और साइबर सेल की विशेष टीम ने तकनीकी विश्लेषण, बैंकिंग ट्रेल और डिजिटल साक्ष्य जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दो SIT टीमें गठित कर पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है।

एसपी वीरेंद्र जैन ने बताया कि टीम ने अत्यंत पेशेवर तरीके से कार्रवाई कर गिरोह का नेटवर्क उजागर किया है। वहीं एएसपी कमला जोशी ने कहा कि जब्त डिजिटल सामग्री के विश्लेषण से और कई तथ्य सामने आने की संभावना है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित