बैतूल , अक्टूबर 05 -- मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफसिरप से नौ बच्चों की मौत के बाद अब नजदीकी बैतूल जिले में भी दो मासूमों की मौत से हड़कंप मच गया है।
दोनों बच्चों का इलाज परासिया के निजी डॉक्टर से कराया गया था। परिजन का आरोप है कि डॉक्टर ने बच्चों को वही "कोल्ड्रिफ" सिरप दी थी, जिसके सेवन के बाद बच्चों की तबियत बिगड़ गई।
जानकारी के मुताबिक आमला ब्लॉक के कलमेश्वरा और जामुन बिछुवा गांव के दो बच्चे कबीर (4) और गर्मित (ढ़ाई वर्ष) को बुखार की शिकायत पर परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी को दिखाया गया था। डॉक्टर ने दवा के साथ कोल्ड्रिफ सिरप लिखी। सिरप देने के बाद बच्चों की तबियत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई।
इनमें से कबीर को 24 अगस्त को परासिया ले जाया गया। हालत में सुधार न होने पर परिवार ने नागपुर और फिर भोपाल में भर्ती कराया, लेकिन 8 सितंबर की रात भोपाल में बच्चे ने दम तोड़ दिया। परिजन ने आरोप लगाया कि कफ सिरप पीने के बाद ही बच्चे की किडनी फेल होने के लक्षण दिखे थे।
दूसरा मामला लादी ग्राम का है। यहां के निवासी गर्मित नाम के बच्चे का भी परासिया के इसी डॉक्टर ने इलाज किया था। इलाज के बाद बच्चे में किडनी और पेट फूलने की समस्या शुरू हुई और एक अक्टूबर को गांव में ही उसकी मौत हो गई।
इसी बीच खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक नरवरे ने बताया कि दोनों बच्चों को परासिया से इलाज के बाद किडनी की गंभीर समस्या हुई थी। दोनों बच्चों में पेट फूलने और पेशाब संबंधी दिक्कतें देखी गईं। हालत गंभीर होने पर उन्हें बैतूल और फिर भोपाल रेफर किया गया।
वहीं आमला एसडीएम शैलेंद्र बड़ोनिया ने दोनों बच्चों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रशासन पूरी जानकारी जुटा रहा है। परासिया के डॉक्टर और इस्तेमाल की गई दवाओं की जांच की जाएगी।
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