नयी दिल्ली , अक्टूबर 24 -- महाराष्ट्र के नागपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 67.79 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों की कुर्की की घोषणा की। यह कार्रवाई कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड और उसके प्रवर्तकों एवं निदेशकों मनोज जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, अभिषेक जायसवाल और अन्य के विरुद्ध की गयी है।
"अपराध की आय" (पीओसी) से अर्जित की गयी संपत्तियों में महाराष्ट्र, कोलकाता, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में बैंक बैलेंस, जमीनें, इमारतें, फ्लैट और व्यावसायिक ठिकाने शामिल हैं। ये संपत्तियां प्रर्वतक एवं निदेशक मनोज जायसवाल, उनके परिवार के सदस्यों, उनके द्वारा नियंत्रित शेल कंपनियों और उनके प्रमुख सहयोगी संतोष जैन के नाम पर हैं। जिन्होंने पीओसी और उनके परिवार के सदस्यों के धन शोधन में सक्रिय रूप से भूमिका निभायी थी।
ईडी ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड, उसके प्रमोटरों, निदेशकों और अन्य के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी।
शिकायतकर्ता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार झारखंड में 1080 मेगावाट की कोयला-आधारित बिजली परियोजना स्थापित करने के लिए अभिजीत समूह द्वारा आरोपी कंपनी को एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के रूप में किया गया था। आरोपी कंपनी ने परियोजना लागत विवरण में हेराफेरी करके कई ऋण सुविधाए प्राप्त कीं और बाद में ऋण राशि का दुरुपयोग किया। इसके कारण वर्ष 2013-14 में ऋण खाते गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (एनपीए) बन गए, जिससे बैंक को 4,037 करोड़ रुपये के ब्याज सहित 11,379 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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