देहरादून,21नवंबर (वार्ता) उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने उपनल कर्मियों के विनियमितीकरण किए जाने का विरोध किया है। संघ ने साफ तौर पर कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
शुक्रवार को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने कहा कि नियमित भर्ती प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए लगातार आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से नियुक्तियां की जा रही है जो संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का सीधा उल्लंघन है। संघ का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में स्पष्ट किया है कि सरकारी विभागों में अनियमित या अस्थायी तौर पर की गई बैक डोर नियुक्तियों का नियमितीकरण असंवेधानिक है। उसके बावजूद राज्य सरकार संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत जाकर इन प्रक्रियाओं को बढ़ावा दे रही है।
संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि जो उपनल संस्था पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए बनाई गई थी अब वही संस्था सिफारिश आधारित नियुक्तियों का केंद्र बनती जा रही है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से सभी आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से विभिन्न विभागों में की नियुक्तियों पर रोक लगाये जाने की मांग करते हुए पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू किए जाने की मांग उठाई है।
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