हमीरपुर , अक्टूबर 16 -- उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में जल स्तर बढाने के लिये चार साल से संचालित की जा रही अटल भूजल योजना केंद्र सरकार ने गुरुवार को समाप्त कर दी है।

यह योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में काम कर रही थी। योजना से कितना लाभ हुआ,केंद्र सरकार इस मामले में अध्ययन करेगी। इसके बाद इस पर विचार किया जायेगा। भूगर्भ जल विभाग के सहायक अभियंता योगेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि बुंदेलखंड में जालौन जनपद को छोडकर सूबे में दस जिलो में बर्ष 2020 से अटल भूजल योजना संचालित की जा रही थी ताकि बुंदेलखंड के हमीरपुर,महोवा,बांदा चित्रकूट,झांसी,ललितपुर में गिरते जल स्तर पर सुधार किया जा सके।

योजना जालौन जिले में संचालित नही थी। चार साल व्यतीत होने के बाद योजना समाप्त कर दी गयी है. योजना संचालन की जिम्मेदारी लघु सिचाई,कृषि,बन विभाग,उद्यान पशु विभाग समेत पांच विभागो को सौपी गयी थी, केंद्र सरकार ने इस योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में शुरु किया था ताकि चार साल बाद इसके परिणाम क्या होते है उस पर मंथन किया जा सके। चार सालो में सबसे महत्वपूर्ण काम उद्यान विभाग का रहा जो डिप स्प्रिंकलर सिचाई योजना से खेतो में सिचाई करनी थी।

सहायक अभियंता का कहना है कि योजना से कोई बजट शासन से आवंटित नही किया जाता था विभाग अपने विभाग से काम कराते थे। बुंदेेलखंड समेत दस जिलो में संचालित योजना के समाप्त होने के बाद तरह तरह की अटकले लगायी जा रही है हमीरपुर जिले में इस योजना के तहत 57 गांवों का चयन किया गया था इसके लिये विभाग ने अपने कर्मियों को नियुक्त किया था जिसमे सबसे ज्यादा गांव मौदहा ब्लाक के बताये जाते है विभागीय अधिकारियों ने दावा किया है कि इन गावों में चेकडैम तालाब वृक्षारोपण, भैसपालन बौछारी सिचाई के काम कराये गये है मगर कहा पर कितना काम हुआ यह जानकारी किसी को नही है।

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