रांची, 09अक्टूबर (वार्ता) झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता धीरज कुमार ने भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) द्वारा चुनाव के नामांकन शुल्क को दस हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख पच्चीस हजार रुपए किए जाने को अनुचित बताते हुए एक याचिका दाखिल की है।
अधिवक्ता श्री कुमार ने आज कहा है कि इस बढ़ोतरी से आम अधिवक्ताओं के चुनाव में भाग लेने के अधिकार बाधित होंगे और यह केवल पूंजीवादी संस्कृति को बढ़ावा देगा।
श्री कुमार ने बताया कि इतनी अधिक राशि सामान्य अधिवक्ताओं के लिए असीमित बाधा बन सकती है, जिससे वे अपने राजनैतिक और पेशेवर अधिकारों से वंचित रह जाएंगे। उनका मानना है कि यह निर्णय सभी अधिवक्ताओं के हित के खिलाफ है और इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता प्रभावित होगी।
श्री कुमार ने झारखंड उच्च न्यायालय से इस मामले में शीघ्र और प्रभावी कदम उठाने की अपील की है ताकि नामांकन शुल्क में कटौती की जा सके और हर अधिवक्ता को चुनाव में भाग लेने का अवसर मिले। यह याचिका अधिवक्ताओं के मूल अधिकारों की रक्षा और विधिक लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन फीस 15000 रुपया ही होता है।
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