चंडीगढ़ , अक्टूबर 14 -- पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को स्थायी सदस्यता देने की साजिश की कड़ी निंदा की और इसे पंजाब के संवैधानिक और पानी के अधिकारों पर सीधा हमला बताया।

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम उसके पंजाब विरोधी एजेंडे को बेनकाब करता है। यह पानी और बिजली संसाधनों पर पंजाब के नियंत्रण को कमजोर करने की एक जानबूझकर की गयी साजिश है। केंद्र सरकार का एक पत्र दिखाते हुए उन्होंने कहा कि यह पत्र, जो केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के मुख्य सचिवों को भेजा है, स्पष्ट रूप से कहता है कि भाजपा हिमाचल और राजस्थान को स्थायी रूप से बीबीएमबी में शामिल करना चाहती है। यह पंजाब के साथ एक और विश्वासघात है।

श्री गर्ग ने कहा कि पंजाब ने ऐतिहासिक रूप से बीबीएमबी के खर्च का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा उठाया है, फिर भी भाजपा बार-बार पंजाब के अधिकारों को हड़पने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का पंजाब विरोधी स्टैंड कोई नयी बात नहीं है। चाहे यह फंड रोकना हो या बीबीएमबी से छेड़छाड़ करना हो, भाजपा ने हमेशा पंजाब को आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर करने की साजिश रची है। उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में, भाजपा ने बीबीएमबी के माध्यम से पंजाब के नहरी पानी के हिस्से को हरियाणा को स्थानांतरित करने की कोशिश की थी, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान के दृढ़ रुख ने इस अन्याय को रोका। उन्होंने कहा कि अब, भाजपा फिर बीबीएमबी की संरचना को बदलकर पंजाब के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 'आप' सरकार बीबीएमबी की संरचना या पंजाब के प्रतिनिधित्व में किसी भी बदलाव का कड़ा विरोध करेगी।

श्री गर्ग ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित परिवारों के प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने राहत कोष में 1,600 करोड़ रुपये का वादा किया था, लेकिन आज तक एक भी रुपया नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंजाब आये, खाली वादे किये, लेकिन जमीनी तौर पर कुछ भी नहीं किया।

उन्होंने बताया कि केंद्र ने 1,600 करोड़ रुपये की राहत में पहले से ही जारी किये गये एसडीआरएफ और राष्ट्रीय राजमार्ग निधियों की अग्रिम किश्तों को जोड़कर पंजाब का अपमान किया है, असल में पंजाब को कुछ भी नया नहीं दिया गया।

उन्होंने भाजपा नेता सुनील जाखड़, रवनीत बिट्टू और अश्विनी शर्मा पर इस संकट की घड़ी में पंजाब के साथ खड़े होने के बजाय दिल्ली में अपने आकाओं के चेहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया।

श्री गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि सर्वेक्षण के 45 दिनों के भीतर मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर शुरू हो गयी। पंजाब सरकार किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दे रही है, जो कि केंद्रीय एसडीआरएफ मानदंडों के तहत दिये गये 5,100 रुपये से चार गुना ज्यादा है। 'आप' ने क्षतिग्रस्त घरों के मुआवजे को को बढ़ाकर 1.20 लाख रुपये प्रति घर कर दिया है, जो वास्तविक पुनर्वास के प्रति 'आप' की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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