हैदराबाद , अक्टूबर 28 -- भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) ने हैदराबाद में आयोजित 28वें ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन, 2025 में ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल), नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) और फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (एफएसीटी) के साथ तीन ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
बीपीसीएल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ये साझेदारियां उसकी एकीकृत विकास रणनीति - जिसमें रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स, हरित ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स से जुड़े बुनियादी ढांचे शामिल हैं - में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं और देश के लिए एक स्थायी और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य के निर्माण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं। एमओयू के अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन भी उपस्थित थे।
बीपीसीएल ने ओआईएल के साथ आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में रामायपट्टनम बंदरगाह के पास बीपीसीएल की आगामी नयी रिफाइनरी और पेट्रो-रसायन परिसर के विकास में सहयोग की संभावनाओं की तलाश के लिए एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। प्रस्तावित संयंत्र की शोधन क्षमता 90 से 120 लाख टन प्रति वर्ष और अनुमानित लागत एक लाख करोड़ रुपये (11 अरब अमेरिकी डॉलर) है।
समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों कंपनियां सहयोग के अवसरों का मूल्यांकन करेंगी, जिसमें प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में ऑयल इंडिया की अल्पमत हिस्सेदारी की संभावना भी शामिल है। इस परियोजना को आंध्र प्रदेश सरकार से प्रमुख वैधानिक मंजूरियां और 6,000 एकड़ जमीन पहले ही मिल चुकी है, और परियोजना-पूर्व गतिविधियां भी जारी हैं।
रामायपट्टनम परिसर में 15 लाख टन सालाना क्षमता वाली एथिलीन क्रैकर इकाई होगी, जो दक्षिण भारत में अपनी तरह की पहली इकाई होगी। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा समर्थित इस परियोजना का वाणिज्यिक संचालन वित्त वर्ष 2030 तक शुरू होने की उम्मीद है, जिससे औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
बीपीसीएल ने इसके अलावा ओआईएल और नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के साथ एनआरएल की क्षमता 30 लाख टन से बढ़ाकर 90 लाख टन सालाना करने के बाद ग्राहकों तक पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति की सुविधा के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
इस समझौते में सिलीगुड़ी से मुजफ्फरपुर होते हुए मुगलसराय तक 700 किलोमीटर लंबी क्रॉस-कंट्री उत्पाद पाइपलाइन का संयुक्त निर्माण शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 3,500 करोड़ रुपये है। पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन के परिवहन के लिए डिजाइन की गई इस पाइपलाइन का 50 प्रतिशत स्वामित्व बीपीसीएल के पास और अन्य 50 प्रतिशत ओआईएल और एनआरएल के पास होगा।
अपनी हरित ऊर्जा और अपशिष्ट से ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ाते हुये बीपीसीएल ने कोच्चि रिफाइनरी के पास ब्रह्मपुरम में बीपीसीएल के आगामी नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू)-आधारित संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र से उत्पादित जैविक खाद और तरल जैविक खाद की आपूर्ति और व्यापार के लिए फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (एफएसीटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
यह संयंत्र प्रतिदिन 150 टन नगरपालिका अपशिष्ट का प्रसंस्करण करेगा, जिससे 5.6 टन सीबीजी, 28 टन ठोस जैविक खाद और 100 किलोलीटर तरल जैविक खाद का उत्पादन होगा।
यह सहयोग एफएसीटी को उच्च-गुणवत्ता वाले जैविक उर्वरकों का व्यापार करने, टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और भारत के अपशिष्ट से ऊर्जा और हरित ईंधन के दृष्टिकोण में योगदान देने में सक्षम बनायेगा।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित