ज्योर्तिमठ/देहरादून , अक्टूबर 04 -- श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी सहित अन्य पदाधिकारियों ने शनिवार को मंदिर समिति के सहवर्ती पौराणिक सीता माई मंदिर, चांई (ज्योर्तिमठ) पहुंचकर जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण के लिए स्थलीय निरीक्षण किया। इसके बाद श्री नृसिंह मंदिर में भी पदाधिकारियों ने निरीक्षण किया।

श्री द्विवेदी ने बताया कि माता सीता मंदिर के संबंध में पुराणों में उल्लेख मिलता है कि देवकन्या वेदवती के लंकापति रावण को दिये श्राप के कारण त्रेता युग में माता सीता, रावण के अंत का कारण बनी। सतयुग से माता वेदवती शिला के रूप में चांई मंदिर में माता सीता वेदवती शिला के रूप में विद्यमान हैं। उन्होंने बताया कि बीते कुछ समय से सीता माता मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। इसलिए समिति ने इसके सौंदर्यकरण और जीर्णोद्वार का निर्णय किया है। इसके लिए डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है।

बीकेटीसी अधिकारियों ने यहां से श्री नृसिंह मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। जहां कार्यालय, मंदिर परिसर, सीसीटीवी कक्ष, आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल का निरीक्षण कर कर्मचारी उपस्थित पंजिका की भी जांच की एवं उपस्थित के लिए बायोमैट्रिक मशीन लगाने, मंदिर के सौंदर्यीकरण, सूचना बोर्ड लगाने के आदेश अधिकारियों को दिए।

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