नयी दिल्ली, सितंबर 27 -- दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अंकित गर्ग की अदालत ने धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसे की आरोपी गगन प्रीत कौर को जमानत दे दी है। अदालत ने उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम के दो जमानतियों पर राहत प्रदान की है। साथ ही पासपोर्ट अदालत में जमा करवाने का आदेश भी दिया गया है।

इससे पहले अदालत ने गगन प्रीत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाई थी। 25 सितंबर को अदालत ने जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था और सीसीटीवी फुटेज व अन्य साक्ष्यों को भी परखा था।

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील प्रदीप राणा ने कहा कि आरोपी की मंशा गलत नहीं थी। उन्होंने हादसे के बाद अस्पताल और पीसीआर को फोन किया, घायलों को अस्पताल भी पहुंचाया और इलाज की व्यवस्था करने को कहा। बचाव पक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि एफआईआर घटना के दस घंटे बाद क्यों दर्ज की गई।

वहीं, पुलिस का पक्ष रखते हुए वकील अतुल श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि एम्स अस्पताल नजदीक होने के बावजूद आरोपी मरीजों को वहां नहीं ले गई। उन्होंने कहा कि गोल्डन आवर में समय पर उपचार से जान बच सकती थी। उनके अनुसार, आरोपी का मकसद घायलों की जान बचाना नहीं बल्कि कानूनी जिम्मेदारी से बचना था।

गौरतलब है कि 14 सितंबर को धौला कुआं मेट्रो स्टेशन के पास बीएमडब्ल्यू हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह (52) की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हुई थीं। गगन प्रीत कौर को 15 सितंबर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। उन पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और सबूत मिटाने जैसे आरोप दर्ज किए गए हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित