वाराणसी , अक्टूबर 11 -- पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने अपने इंस्टिट्यूट वर्क्स डिपार्टमेंट (आईडब्ल्यूडी) और उद्यान विभाग के विशेषज्ञों के सहयोग से लगभग 100 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ को सफलतापूर्वक पुनः खड़ा कर उसका जीवन रक्षित किया। यह पेड़ हाल ही में तेज हवाओं और लगातार बारिश के कारण गिर गया था।
संस्थान की आधिकारिक प्रवक्ता एवं संयुक्त कुलसचिव स्वाति बिस्वास ने शनिवार को बताया कि आईडब्ल्यूडी की तकनीकी विशेषज्ञता और बीएचयू के उद्यान विशेषज्ञों के सहयोग से दो जेसीबी मशीनों और एक हाइड्रा की सहायता से इस विशाल पेड़ को अत्यंत सावधानीपूर्वक खड़ा किया गया, ताकि इसकी जड़ों को किसी प्रकार की क्षति न हो। पेड़ को स्थिर रखने के लिए मिट्टी को मजबूत किया गया तथा आवश्यक जल और पोषण प्रबंधन सुनिश्चित किया गया।
उन्होंने कहा कि यह पहल संस्थान की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता और सतत विकास के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है। संस्थान प्रशासन ने इस समन्वित प्रयास की सराहना की और सभी संबंधित विभागों के योगदान की प्रशंसा की।
संस्थान के निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता मनीष कुमार ने तकनीकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस कार्य में तकनीकी सटीकता और समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण था। कई टन वजन वाले इस पेड़ को जड़ों को क्षति पहुंचाए बिना अत्यंत सावधानी से उठाया गया। दो जेसीबी मशीनों से आधार समर्थन प्रदान किया गया, जबकि हाइड्रा के माध्यम से ऊर्ध्व दिशा में संरेखण सुनिश्चित किया गया। पुनःस्थापना के बाद मिट्टी को सुदृढ़ किया गया और जड़ों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए। अगले कुछ सप्ताह तक पेड़ की निरंतर निगरानी की जाएगी, ताकि यह पूरी तरह स्थिर हो सके।
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