हैदराबाद , दिसंबर 21 -- तेलंगाना के भोंगिर सीट से सांसद चमाला किरण कुमार रेड्डी ने रविवार को के.टी. रामा राव (केटीआर) की टिप्पणियों और राजनीतिक दांव-पेच को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राजनीति के मैदान में उन्हें पहले ही मात दे दी है।

श्री रेड्डी ने राजनीति की तुलना फुटबॉल से करने वाली केटीआर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि श्री रेवंत रेड्डी को केटीआर के साथ 'फुटबॉल खेलने' की जरूरत नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री उन्हें राजनीतिक रूप से पहले ही हरा चुके हैं।

सांसद ने कहा कि श्री रेवंत रेड्डी बिना किसी राजनीतिक आका के जमीन से ऊपर उठे हैं, उन्होंने अपने दम पर ज़िला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) सदस्य के रूप में जीत हासिल की और अंततः मुख्यमंत्री बने।

सांसद ने आरोप लगाया कि इसके विपरीत केटीआर ने केवल अपने पिता के. चंद्रशेखर राव (केटीआर) के कारण राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने दावा किया कि सिरसिला से केटीआर की मामूली अंतर से जीत सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नेताओं को किनारे कर दिया गया था।

श्री रेड्डी ने आरोप लगाया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के भीतर भी पार्टी कार्यकर्ता केटीआर को 'आयरन लेग' (अशुभ) कह रहे हैं और उन्हें पार्टी के चुनावी पतन के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि विधानसभा, संसद और उसके बाद के उपचुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद भारत राष्ट्र समिति राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हो गई है। उन्होंने इन झटकों के लिए केसीआर की कार्यशैली और निर्णयों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि केसीआर अब अपने फार्महाउस तक सीमित हैं और सक्रिय राजनीति से काफी हद तक अनुपस्थित हैं।

श्री रेड्डी ने कहा कि रेवंत रेड्डी सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल समिट के बाद केटीआर की हताशा बढ़ गई है। उन्होंने दावा किया कि बीआरएस नेता का राजनीतिक भविष्य हालिया ग्राम पंचायत चुनावों के परिणामों के साथ ही तय हो गया है। सांसद ने आगे कहा कि केटीआर और उनके रिश्तेदारों द्वारा रोजाना 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' करने से जनता की राय नहीं बदलेगी।

श्री रेड्डी ने कांग्रेस सरकार का बचाव करते हुए कहा कि चुनावी गारंटियों को लागू किया जा रहा है और भविष्य में भी यह जारी रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री की बार-बार दिल्ली यात्राओं को तेलंगाना के लिए केंद्रीय धन का उचित हिस्सा सुरक्षित करने के प्रयास के रूप में बताया।

कांग्रेस नेता ने पिछली बीआरएस सरकार पर राज्य को कर्ज में धकेलने का आरोप लगाया और कहा कि केसीआर ने सत्ता में रहते हुए तानाशाही तरीके से शासन किया और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ करीबी संबंध बनाये रखे।

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