हैदराबाद, सितंबर 27 -- तेलंगाना की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने राज्य में सत्तारूढ कांग्रेस सरकार के झूठ और विश्वासघात को उजागर करने के लिये शनिवार को 'कांग्रेस ऋण कार्ड' नाम से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया।
इस आंदोलन के जरिये विपक्ष लोगों को यह बता रहा कि कैसे विभिन्न समुदायों से किये गये हर एक वादे तोड़े गये और राज्य के लोगों पर कांग्रेस के ऋण का बोझ बढ़ गया।
तेलंगाना भवन में मीडिया को कांग्रेस ऋण (बाकी) कार्ड दिखाते हुए वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्री के साथ पहुंचे बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (केटीआर) ने कहा कि चुनाव से पहले किए गये कांग्रेस के झूठे वादे अब लोगों के हाथों में हथियार बन गये हैं।
उन्होंने लोगों से आगामी पंचायत चुनाव और जुबली हिल्स विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने का आग्रह किया।
श्री केटीआर ने कहा कि ऋण कार्ड कांग्रेस के तथाकथित गारंटी कार्ड का प्रतिकार है, जिसने खोखली प्रतिबद्धताओं से लोगों को धोखा दिया था। उन्होंने कहा कि बीआरएस नेता और कार्यकर्ता इसे घर-घर जाकर लोगों को अधूरे वादे के प्रति जागरूक करेंगे।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के चेतावनी को याद किया और कहा कि यदि आपको धोखा दिया गया, तो आपका ही नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि उनकी एक भविष्यवाणी जो अब सच हो गयी है।
उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहली मंत्रिमंडल की बैठक में गारंटी को कानूनी मान्यता देने का वादा किया था लेकिन अभी 30 मंत्रिमंडल बैठक के बाद भी एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उप उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने जो बॉन्ड पेपर और वादा पत्रों पर हस्ताक्षर किये थे, अब उससे बड़ी ही बेशर्मी से अपनी प्रतिबद्धताओं से बच रहे हैं।
श्री केटीआर ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोगों ने दोबारा गलती से वोट दिया, रायथु बंधु जैसी कल्याणकारी योजनाएं भी समाप्त कर दी जाएंगी।
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