पटना , नवंबर 24 -- केंद्र सरकार की ओर से लागू किये गये चार लेबर कोड को राज्य में प्रभावी रूप से जमीन पर उतारने की तैयारी में बिहार सरकार अब एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।
श्रम संसाधन विभाग इस दिशा में नियम और शर्तों का खाका तैयार कर रहा है, जिसके तहत काम के घंटे, नाइट शिफ्ट समेत श्रमिकों से जुड़े कई प्रावधानों को नये सिरे से व्यवस्थित किया जायेगा।
श्रम संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आगामी एक महीने के भीतर संबंधित कानूनों से जुड़े नियमों को अंतिम रूप दे दिया जायेगा। इसके बाद इन्हें मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृति के लिये पेश किया जायेगा। मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में श्रम व्यवस्था से जुड़ी कई प्रक्रियाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
नियमों का मसौदा तैयार करते समय महिलाओं की सुरक्षा और कार्य स्थितियों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। नई दिशा- निर्देशों के तहत यह तय किया जायेगा कि किन परिस्थितियों में महिलाओं को नाइट ड्यूटी दी जा सकेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये नियोक्ताओं पर किन नियमों का पालन अनिवार्य होगा।
बिहार में श्रम बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र पर निर्भर है। ई- श्रम पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 3 करोड़, 20 लाख श्रमिक असंगठित क्षेत्र से जुड़े हुये हैं, जबकि 20 से 25 लाख श्रमिक संगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं।
अधिकारियों के अनुसार, इस वास्तविकता को ध्यान में रखते हुये सरकार की ओर से बनाये जा रहे नियमों में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की जरूरतों, चुनौतियों और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
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