पटना , दिसंबर 28 -- भारत सरकार की केंद्रीय सेक्टर योजना 'नमो ड्रोन दीदी' बिहार में महिला सशक्तिकरण और आधुनिक कृषि की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है और इसी को आगे बढ़े हुए प्रदेश में अब तक 15 जीविका दीदियों को ड्रोन उपलब्ध कराया जा चुका है।
जीविका के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (जीविका) के अंतर्गत अब तक राज्य में कुल 15 'ड्रोन दीदी' को ड्रोन उपलब्ध कराये जा चुके हैं। इनमें से पांच ड्रोन इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) और 10 ड्रोन इंडो रामा फर्टिलाइजर कंपनी की ओर से प्रदान किये गये हैं।
योजना के विस्तार की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुये 201 संभावित महिला लाभार्थियों की सूची प्रशिक्षण के लिये कृषि विभाग, बिहार को सौंप दी गई है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बिहार राज्य के लिये इफको को लीड एजेंसी के रूप में ड्रोन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
योजना के तहत चयनित प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से एक सदस्य को 15 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें पांच दिन का अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और 10 दिन का कृषि उपयोग प्रशिक्षण (तरल उर्वरक व कीटनाशक छिड़काव) शामिल है। यह समस्त प्रशिक्षण ड्रोन निर्माताओं द्वारा ड्रोन आपूर्ति के साथ पैकेज के रूप में प्रदान किया जायेगा।
आर्थिक सहायता की बात करें तो महिला एसएचजी को ड्रोन और उससे संबंधित उपकरणों की खरीद के लिये कुल लागत का 80 प्रतिशत केंद्रीय वित्तीय सहायता दी जायेगी, जिसकी अधिकतम सीमा आठ लाख रुपये प्रति ड्रोन निर्धारित है। शेष राशि क्लस्टर लेवल फेडरेशन की ओर से राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा के तहत ऋण के रूप में ली जा सकेगी। इस ऋण पर तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी प्रदान किया जायेगा।
सरकार का मानना है कि इस योजना से महिला एसएचजी को स्थायी व्यवसाय और आजीविका के नये अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही कृषि क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीक से कार्य दक्षता बढ़ेगी, उपज में सुधार होगा और लागत में कमी आयेगी जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना के अंतर्गत चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराना है, जिससे वे किसानों को उर्वरक और कीटनाशक छिड़काव जैसे कृषि कार्यों के लिये किराये पर ड्रोन सेवायें प्रदान कर सकें।
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