पटना , अक्टूबर 28 -- बिहार में आज उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हीं सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ संपन्न हो गया । बिहार में चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व 'कार्तिक छठ' 25 अक्टूबर से शुरू हुआ था।

राजधानी पटना में आज गंगा नदी के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में लाखों महिला और पुरूष व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़ा होकर अर्घ्य अर्पित किया ।

औरंगाबाद जिले के देव में स्थित त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और व्रतधारियों ने सूर्य कुण्ड में अर्घ्य अर्पित किया ।इस अवसर पर अत्यन्त आकर्षक ढंग से सजाये गये देव के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में आज सुबह से ही भगवान भाष्कर के दर्शन के लिए व्रतधारियों तथा श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों से आये लाखों श्रद्धालुओं और व्रतधारियों द्बारा गाये जा रहे कर्णप्रिय छठी मईया के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। लोक मान्यता है कि देव में पवित्र सूर्य कुण्ड में स्नान कर भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित करने और त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में भगवान के दर्शन करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ के अंतिम दिन आज अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग स्थित तालाब में पूरी सादगी एवं श्रद्धा के साथ उदयीमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित किया तथा ईश्वर से राज्य एवं देशवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिये प्रार्थना की।

दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद हीं व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया । चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने नदियों और तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया था ।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित