पटना , अक्टूबर 09 -- राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि में बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में सुशासन पूरी तरह नदारद है और भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है।
श्री गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में सुशासन गुजरे जमाने की बात है और प्रशासनिक विफलता के कारण बिहार हर मोर्चे पर पिछड़ता जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने बिहार सरकार से सवाल पूछा कि बीते 20 वर्षों में बिहार की हालत आखिर क्यों नहीं सुधरी और राज्य की जनता यह जानना चाहती है कि इतने लंबे शासनकाल के बावजूद बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में कोई उल्लेखनीय सुधार क्यों नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, 'बिना सुशासन के विकास संभव नहीं है और बिहार सरकार इस दिशा में पूरी तरह विफल रही है।'पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार एक संगठित व्यवस्था का रूप ले चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में आते ही सृजन घोटाला किया गया और अब भाजपा- जेडीयू सरकार के 10 विभागों में 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक के गबन की आशंका खुद महालेखाकार ने जताई है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार के पास 49 हजार करोड़ रुपये के खर्च का कोई उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है। वहीं पिछले 5 वर्षों में सरकार 3 लाख, 49 हजार करोड़ रुपये खर्च ही नहीं कर पाई, जो सरकार की अक्षमता को दर्शाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने दावा किया कि बिहार में मंत्रियों और उपमुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगने के बावजूद उनसे इस्तीफा नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ' यह समझ से परे है कि खुली आलोचनाओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद प्रधानमंत्री की ओर से इन मंत्रियों से इस्तीफा लेने का कोई निर्देश नही आया है।
कांग्रेस के नेता ने कहा कि बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाएं गंभीर रूप से उपेक्षित हैं। उन्होंने बताया कि, 'बिहार में 18 से 23 वर्ष के 1 करोड़, 36 लाख युवाओं में से केवल 22.23 लाख ही अंडरग्रेजुएट की पढ़ाई कर पा रहे हैं। यहां प्रति 1 लाख आबादी पर सिर्फ 7 कॉलेज हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 प्रति लाख का है। स्कूलों की ड्रॉपआउट दर भारत में सबसे अधिक बिहार में है, जिसके कारण बड़ी संख्या में छात्र भी राज्य से पलायन कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि पिछले तीन वर्षों में बिहार में अपराध दर में 323 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने इसे राज्य में विधि-व्यवस्था की पूरी विफलता करार दिया।
उन्होंने कहा कि बिहार से 3 करोड़ लोग मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि अनुमानतः यह संख्या बढ़कर 3 करोड़, 45 लाख तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पलायन रोकने में पूरी तरह विफल रही है।
अंत में श्री गहलोत ने बिहार की जनता से भाजपा- जेडीयू सरकार को हटाने की अपील करते हुए कहा कि, 'बिहार को बचाना है तो बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि अवसर मिलने पर महागठबंधन की सरकार दिखाएगी कि आदर्श सुशासन किसे कहते हैं।
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