नयी दिल्ली , अक्टूबर 08 -- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन की निगरानी के लिए गठित कांग्रेस के प्रभावशाली ईगल समूह ने कहा है कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के चुनाव आयोग के निर्णय से सवालों का समाधान मिलने की बजाय और ज्यादा सवाल पैदा हो गए हैं और आयु को अपनी विश्वसनीयता के लिए इन सवालों का जवाब देना चाहिए।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय गठित कांग्रेस नेताओं और विशेषज्ञों के सशक्त कार्रवाई समूह-ईगल ने बुधवार को यहां एक बयान में कहा कि बिहार में नई मतदाता सूची में 67.3 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए है। कांग्रेस के आठ वरिष्ठ नेताओं अजय माकन, दिग्विजय सिंह, अभिषेक सिंघवी, प्रवीण चक्रवर्ती, पवन खेड़ा, गुरदीप सिंह सप्पल, नितिन राउत, चल्ला वामशी चंद रेड्डी के समूहों ने कहा है कि आश्चर्य की बात यह है कि सूची में विधानसभा चुनावों के लिए 7.42 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की है लेकिन उनकी कई अपीलों के बावजूद आयोग ने मशीन-पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध नहीं कराई है, जिससे मतदाता सूची का विश्लेषण कठिन हो गया है।

कांग्रेस के इस समूह ने कहा है कि बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में 7.72 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे लेकिन अब विधानसभा चुनावों के लिए यह संख्या घटकर 7.42 करोड़ रह गई है। यानी, कुल 30 लाख मतदाता जो लोकसभा चुनाव में पंजीकृत थे, अब मतदाता सूची में नहीं हैं।

कांग्रेस की ईगल ग्रुप ने कहा की चुनाव आयु को बताना चाहिए ये 30 लाख लोग कौन हैं और इनमें से कितने लोगों ने 2024 में हुए आम चुनाव में मतदान किया था।

उनका कहना है कि चुनाव आयोग को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और जनता के विश्वास को निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर कायम रखना चाहिए।

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