पटना , अक्टूबर 04 -- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बिहार के युवाओं से मखाना क्षेत्र में स्टार्टअप्स स्थापित करने की अपील की और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी।

श्री चौहान आज अपने एक दिवसीय बिहार प्रवास के दौरान पटना पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने यहां ज्ञान भवन में आयोजित मखाना महोत्सव 2025 में भाग लिया तथा "मखाना संस्कृति से समृद्धि" रिपोर्ट का विमोचन किया।

श्री चौहान ने मखाना महोत्सव 2025 में कहा कि देश का लगभग 85 प्रतिशत मखाना बिहार में उत्पादित होता है। बिहार अब मखाना की खेती में अग्रणी राज्य बन गया है।उन्होंने बिहार के युवाओं से मखाना क्षेत्र में स्टार्टअप्स स्थापित करने की अपील की और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी।

श्री चौहान ने कहा कि "हमारा लक्ष्य है कि मखाना भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की डाइनिंग टेबल तक पहुँचे और किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो।"उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में युवाओं को, विशेषकर बिहार के युवाओं को, 62,000 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक सौगात प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि "बिहार में बदरा बरस रहे हैं और विकास की बरसात हो रही है, आज विकसित भारत का सूरज बिहार के भाग्य पर चमक रहा है।"केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ोतरी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मसूर, उड़द और अरहर सहित बिहार के किसान जितना उत्पादन करेंगे, केंद्र सरकार उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी।

श्री चौहान ने मखाने को गरीबों के लिए "अद्भुत वरदान" बताते हुए कहा कि बिहार आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी मखाना उत्पादन का केंद्र बन चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि पहले जहाँ मखाना केवल 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता था, वहीं अब यह बढ़कर 35,000 से 40,000 हेक्टेयर तक पहुँच चुका है। उन्होंने कहा कि मखाना अब बिहार के पारंपरिक व्यंजनों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि महानगरों के खाने की मेज़ों और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भी अपनी जगह बना चुका है। वर्तमान में इसका निर्यात अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों में हो रहा है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मखाना उत्पादन और विपणन को प्रोत्साहन देने के लिये केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड गठित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। यह बोर्ड मखाने पर अनुसंधान, विकास, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और प्रोमोशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, मखाना प्रसंस्करण और उत्पादन के लिए आधुनिक मशीनों एवं नई किस्मों के विकास के लिये लगभग 475 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

श्री चौहान ने कहा कि मखाना की खेती बहुत कठिन है। इसके फल की तोड़ाई करने के लिए किसानों को गहरे पानी में डुबकी लगानी पड़ती है, लेकिन इस परेशानी को शीघ्र दूर करने के लिए हमारे वैज्ञानिक मखाना की एक ऐसी खास किस्म पर काम कर रहे हैं, जिसे तीन फीट से भी कम गहरे पानी में आसानी से उगाया जा सकता है। इस किस्म के आने के बाद मखाना का उत्पादन बढ़ेगा और लागत में भी कमी आएगी।

इससे पूर्व समारोह में मखाना उत्पादन में लगे किसानों को सम्मानित किया गया और चयनित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण के डमी चेक भी सौंपे गए। साथ ही मखाना के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया गया।

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