रांची 13अक्टूबर (वार्ता) झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आईआरसीटीसी घोटाले मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर आरोप तय करने को लेकर केंद्र सरकार और सीबीआई पर कड़ी टिप्पणी की है।

श्री भट्टाचार्य ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह मामला बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के ठीक बाद ही आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी करना चुनावी दबाव और राजनीतिक हस्तक्षेप का उदाहरण है।

श्री भट्टाचार्य ने पटना में नए नामित "राउज एवेन्यू" रोड का जिक्र करते हुए बताया कि बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन ने इस रोड को महागठबंधन के काफिले को रोकने के लिए चुनावी रणनीति के तौर पर प्रयोग में लाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रोड खासतौर पर पटना विधानसभा के सामने से गुजरती है और इसका मकसद महागठबंधन के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान रोकना है। इसका पूरा पैटर्न इस बात को दर्शाता है कि केंद्र सरकार और एनडीए गठबंधन चुनाव में शासकीय संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

श्री भट्टाचार्य ने तीखे शब्दों में कहा कि आईआरसीटीसी घोटाले का मामला 2017 में सामने आया था, जिस पर कई विभागों की जांच हुई और सीबीआई ने तमाम जांच प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेल प्रबंधन का विश्वव्यापी स्तर पर सम्मान हुआ था, जबकि वर्तमान रेल मंत्री के कार्यकाल की तुलना में उस समय कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों ने उनकी प्रशंसा भी की थी और शोध का विषय बना था।

श्री भट्टाचार्य ने सवाल उठाया कि आरोप तय करने का निर्णय चुनावों से ठीक पहले क्यों लिया गया? कहा कि 25 मई को सीबीआई ने फाइनल ऑर्गुमेंट दिए थे और चार्ज फ्रेमिंग का नोटिस 13 अक्टूबर को चुनाव की घोषणाओं के बाद दिया गया, जो स्पष्ट रूप से राजनीतिक दखल और दबाव की निशानी है। वे इस बात पर भी जोर देते हैं कि न्यायालय अपने तरीके से न्याय प्रक्रिया को पूरा करेगा, लेकिन चुनाव आयोग को इस तरह के मामलों को लेकर निष्पक्ष और सख्त रुख अपनाना चाहिए ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे।

श्री भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता या कोई भी राजनीतिक दल सार्वजनिक मंच पर विवादित बयानबाजी या मीडिया में कोई विवाद फैलाने से बचें, क्योंकि इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई ऐसा करता है तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

श्री भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि बिहार के लोकतंत्र, अस्मिता और संविधान को बचाना आवश्यक है और चुनाव के दौरान सरकारी एजेंसियों एवं जांच विभागों का दुरुपयोग कतई स्वीकार्य नहीं है। उनका मानना है कि इस प्रकार की राजनैतिक साजिशें राज्य और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करती हैं।

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