नयी दिल्ली , अक्टूबर 17 -- चुनाव आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को बिहार विधानसभा चुनाव में धन और अन्य प्रलोभनों के अनुचित और गैर-कानूनी इस्तेमाल से चुनाव को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास को 'रत्ती-भर भी बर्दास्त' नहीं करने के निर्देश दिये हैं।
आयोग ने संबंधित एजेंसियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि वे निर्वाचन क्षेत्रों की मैपिंग करें ताकि बिहार की अंतर-राज्यीय और अंतर्रार्ष्टीय सीमाओं पर तस्करी के सामान, मादक दवा, शराब और नकद लाने- ले जाने की निगरानी कर उस पर रोक लगायी जा सके।
चुनाव आयोग ने शनिवार को राजधानी में बिहार में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों की एक बैठक आयोजित की । बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, और चुनाव आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधू तथा डॉ विवेक जोशी ने प्रवर्तन एजेंसियों से चुनावों के दौरान पूरी सक्रियता से काम करने और चौकसी बरतने की जरूरत पर बल दिया।
यह बैठक चुनावों चुनाव को नकद धन और अन्य प्रलोभनों के दुष्प्रभाव से बचाने के व्यापक योजना तैयार करने के उद्येश्य से आयोजित की गयी थी।
आयोग की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस बैठक में आयकर, अप्रत्यक्षकर एवं सीमा शुल्क विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो, रिजर्व बैंक, बैंकों के संघ-आईबीए, मादक प्रदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी), केंद्रीय पुलिस संगठनों- आरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, एसएसबी, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के प्रमुखों ने भाग लिया। बिहार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, राज्य पुलिस के नोडल आधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।
विभिन्न एजेंसियों ने आयोग को इस संबंध में अपनी-अपनी तैयारियों से अवगत कराया।
आयोग ने एजेंसियों को इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई के लिए आपस में सहयोग-समन्वय रखने और आर्थिक अपराधों की खुफिया जानकारियों के आपस में आदान-प्रदान करने को कहा है। उनसे राष्ट्रीय, राज्य और जिला -प्रत्येक स्तर पर समन्वय के साथ काम करने को कहा गया है।
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