रायपुर , नवंबर 14 -- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे जनता की वास्तविक इच्छा का प्रतिबिंब नहीं हैं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग की ''साझा मेहनत'' का परिणाम हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि आदर्श आचार संहिता के दौरान महिलाओं के खातों में 10 हजार रुपये डालकर चुनाव को प्रभावित किया गया, लेकिन चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा। इसके अलावा हजारों की संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाकर बाहरी राज्यों से मतदाताओं को लाया गया, जिन्हें भाजपा का गमछा पहनाकर मतदान केंद्रों तक पहुंचाया गया।
श्री बैज ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 90-95 प्रतिशत स्ट्राइक रेट किसी भी परिस्थिति में स्वाभाविक नहीं माना जा सकता। भाजपा को मिला यह चौंकाने वाला स्ट्राइक रेट जमीनी हकीकत के विपरीत है। उनके मुताबिक बिहार की आम जनता भी इस परिणाम से आश्चर्यचकित है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने चयनित चुप्पी साधकर पूरी प्रक्रिया को प्रभावित होने दिया और मतदाताओं को खुलकर भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकृत किया गया।
उन्होंने एसआईआर के नाम पर चुनाव आयोग और भाजपा गठबंधन पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर "फिल्टरिंग" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 65 लाख लोगों को मताधिकार से वंचित कर दिया गया, जबकि भाजपा के अनुकूल 21 लाख नए मतदाता सूची में जोड़ दिए गए, जबकि नाम जोड़ने के लिए आवेदन केवल 16 लाख आए थे-यह बात खुद निर्वाचन आयोग ने कही थी। उन्होंने इसे चुनावी धांधली और सुनियोजित मतदाता मनोविश्लेषण की साजिश बताया।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले सभी चुनावों में कभी भी भाजपा का स्ट्राइक रेट 90 प्रतिशत से ऊपर नहीं गया, लेकिन इस बार जो नतीजे आए हैं वह प्राकृतिक नहीं बल्कि सुव्यवस्थित "इंजीनियरिंग" का परिणाम प्रतीत होते हैं।
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