पटना , नवंबर 25 -- बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश को मत्स्यपालन एवं पशुपालन में अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभागीय समन्वय, तकनीकी सुदृढ़ता, लाभार्थियों तक समयबद्ध सेवा पहुंचाना और योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्री श्री मेहता की अध्यक्षता में आज महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई।बैठक के प्रारंभ में मंत्री के समक्ष विभाग की समग्र कार्यों, योजनाओं तथा वर्तमान प्रगति से संबंधित विस्तृत जानकारी पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई।
विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने विभाग के विभिन्न निदेशालयों द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं, उपलब्धियों, वित्तीय प्रगति तथा आगामी लक्ष्यों के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया।इसके बाद पशुपालन, मत्स्य एवं गव्य तीनों निदेशालयों के विभागीय योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर अलग-अलग प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए गए। इनमें दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, मत्स्य संसाधन विस्तार, गुणवत्तापूर्ण पशु स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, नस्ल सुधार योजनाओं, पशुपालकों के प्रशिक्षण, तथा विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष प्रकाश डाला गया।
बैठक के दौरान मंत्री श्री मेहता ने विभागीय कार्यों को और अधिक गति, पारदर्शिता तथा परिणामोन्मुख बनाने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जिलावार एवं प्रखंडवार पदाधिकारियों की सूची, साथ ही योजनाओं की सटीक उपलब्धियाँ एवं अद्यतन प्रगति रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराई जाए, जिससे राज्यभर में योजनाओं की निगरानी एवं प्रबंधन को और मजबूत किया जा सके।
मंत्री ने कहा कि बिहार को मत्स्यपालन एवं पशुपालन में अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभागीय समन्वय, तकनीकी सुदृढ़ता, लाभार्थियों तक समयबद्ध सेवा पहुंचाना और योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे जमीनी स्तर पर कार्यों की गहन निगरानी करते हुए किसानों, पशुपालकों और मत्स्यपालकों को अधिकतम लाभ पहुंचाने में पूर्ण तत्परता दिखायें।
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