नयी दिल्ली , अक्टूबर 10 -- बिहार विधानसभा चुनाव के लिये पहले चरण के नामांकन आज से शुरु हो गए हैं लेकिन अभी तक प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को छोड़कर किसी भी दल ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के साथ साथ महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन जारी है।

इस बीच कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी ने 13 प्रत्याशियों के नाम तय कर लिये हैं। पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर सीट बंटवारे के लिये दबाव बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस पहले चरण वाले इलाकों में अपने दावों वाली सीटों पर नामांकन शुरू कर देगी।

हाल ही में हुयी कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में पार्टी ने अपने हिस्से की संभावित सीटों के प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं। आने वाले दिनों में इसकी घोषणा की जायेगी। इनमें 13 संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम अपनी मौजूदा सीट कुटुंबा से चुनाव लड़ेंगे। वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान भी अपनी मौजूदा सीट कदवा से फिर से चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं।

श्री राजेश राम ने कहा कि हमने अपने उम्मीदवारों के सभी विधानसभा क्षेत्र तय कर लिए हैं। आने वाले समय में सभी लोग इंडिया गठबंधन की चुनावी ताकत को देखेंगे। सीटों की आधिकारिक घोषणा बहुत जल्द की जायेगी। शनिवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक फिर हो सकती है।

महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन जारी है । सीटों और मुख्यमंत्री के चेहरे की संयुक्त घोषणा 11 अक्टूबर को हो सकती है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि महागठबंधन में सभी की हिस्सेदारी का सम्मान किया जाएगा। इस समय सभी की हिस्सेदारी है और सभी की हिस्सेदारी के अनुसार हम काम करेंगे। हम सब मिलकर जल्द ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगे। महागठबंधन में सभी दल एकजुट हैं और साथ मिलकर चुनाव में बेहतर परिणाम देंगे।

इस बीच महागठबंधन में शामिल वाम दल भी ज्यादा सीटें मांग रहे है। भाकपा, माकपा और भाकपा (माले) ने मिलकर पिछली बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 16 सीटों पर जीत हासिल हुयी थी। भाकपा (माले) ने 19 सीटों पर चुनाव लडा था और 12 सीटें जीती थी। इसी आधार पर वाम दल चुनावों में ज्यादा सीटों की मांग कर रहे है। विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के मुकेश साहनी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की (आरएलजेपी) और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड़ मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को भी कुछ सीटें दी जायेंगी ।

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