कोलकाता , नवंबर 14 -- पश्चिम बंगाल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के नतीजे पूर्वी भारत में एक बड़े राजनीतिक बदलाव की शुरुआत का संकेत देते हैं और यह बदलाव राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के 15 साल के शासन के अंत के रूप में सामने आएगा।
पश्चिम बंगाल में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
बिहार से स्पष्ट परिणाम आने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने जोर दिया कि चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में संपन्न बिहार चुनावों की तरह ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाने से तृणमूल कांग्रेस की 'निश्चित' हार सुनिश्चित होगी।
श्री अधिकारी ने कहा,"बिहार में लोगों ने निरंतर सामाजिक और आर्थिक विकास, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली एक सतत तथा स्थिर कानून-व्यवस्था एवं बेहतर शासन के लिए मतदान किया।" उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल में लोग लंबे समय से चले आ रहे कुशासन, बेलगाम भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ मतदान करेंगे।"प्रदेश भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार का जनादेश केवल एक चुनावी परिणाम नहीं है बल्कि यह पूर्वी भारत में 'एक बड़े राजनीतिक परिवर्तन का स्पष्ट संकेत' है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार के मतदाताओं ने 'वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार और छल-कपट' को पूरी तरह से नकार दिया है और इसके बजाय विकास, पारदर्शिता और स्थिरता को चुना है। उन्होंने तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की निराशाएं पनप रही हैं जहां लोगों ने वर्षों से भर्ती घोटाले, नौकरी में भ्रष्टाचार, अवैध कोयला खनन, जबरन वसूली और प्रशासनिक अव्यवस्था को झेला है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा,"बंगाल के युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग और पहली बार मतदान करने वाले मतदाता केंद्र सरकार की योजनाओं उज्ज्वला गैस कनेक्शन और आवास योजना से लेकर पीएम-जेएवाई स्वास्थ्य सुरक्षा, आधुनिक रेल और सड़क बुनियादी ढांचे तक के स्पष्ट लाभों के कारण भाजपा की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।"उन्होंने कहा,"बिहार की जीत ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि पश्चिम बंगाल पूर्वी भारत में अगले बड़े राजनीतिक बदलाव का केंद्र होगा।" उन्होंने दावा किया कि राज्य 'एक नई दिशा, नए नेतृत्व और नए विश्वास' के लिए तैयार है।
पूर्व राज्य भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी इसी तरह की आशा व्यक्त करते हुए कहा,"अंग-बंग-कलिंग। ओडिशा का काम हो गया। बिहार का काम हो गया। अब बंगाल की बारी है। बंगाल के लोग भी जंगल राज से मुक्ति चाहते हैं।"वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के दावों को खारिज करते हुए उन्हें गलत और अति-आत्मविश्वास से भरा बताया।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि बिहार के नतीजों का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों पर 'कोई असर नहीं' पड़ेगा। उन्होंने कहा,"पश्चिम बंगाल की जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।" उन्होंने कहा,"पार्टी प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस को लोगों का भरोसा हासिल है। वे जानते हैं कि टीएमसी उनकी सबसे भरोसेमंद दोस्त है जबकि भाजपा उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बनी हुई है।"श्री घोष ने कहा कि बंगाल के मतदाता सरकार का आकलन राज्य के विकास की गति और राजनीतिक माहौल के आधार पर करेंगे न कि पड़ोसी राज्यों के चुनावी रुझानों के आधार पर।
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