कोंडागांव , दिसंबर 15 -- कोंडागांव जिले के फरसगांव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चुरेगांव की सरपंच और बिहान स्व-सहायता समूह की सचिव फुलबती मरकाम आज महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की प्रेरक मिसाल बन चुकी हैं। कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाला उनका परिवार आज मछली पालन और अन्य आजीविका गतिविधियों के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बन गया है।
जिला पीआरओ ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि फुलबती मरकाम वर्ष 2011 में स्व-सहायता समूह से जुड़ीं, लेकिन वर्ष 2018 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' से जुड़ने के बाद उनके जीवन में निर्णायक बदलाव आया। बिहान के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण, ऋण और स्वरोजगार के अवसरों की जानकारी मिली। शुरुआत में उन्होंने 5 हजार रुपये का ऋण लिया, जिसमें से 2 हजार रुपये मछली बीज खरीदने में लगाए। इस छोटे से निवेश से उन्हें लगभग 20 हजार रुपये की आय हुई, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
इसके बाद उन्होंने 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का ऋण लेकर अपने व्यवसाय का विस्तार किया। निरंतर मेहनत और प्रशिक्षण के बल पर उनकी वार्षिक आय बढ़कर 1 लाख 50 हजार रुपये से अधिक हो गई। बिहान के अधिकारियों के मार्गदर्शन में उन्होंने अपने घर के पास स्थित तालाब में वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन शुरू किया और नारायणपुर में 10 दिवसीय प्रशिक्षण लेकर आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।
आर्थिक स्थिति मजबूत होने से फुलबती अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला पा रही हैं। उनका बड़ा बेटा रायपुर में बीएड की पढ़ाई कर रहा है। मछली पालन के साथ-साथ वे मुर्गी पालन भी कर रही हैं, जिससे आय के अतिरिक्त स्रोत विकसित हुए हैं।
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