पटियाला , दिसंबर 24 -- ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारियों, इंजीनियरों और पेंशनभोगियों की जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने पिछले दो महीनों में कर्मचारियों और उनके विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए उठाये गये कई कदमों के खिलाफ अगले साल दो जनवरी से पंजाब में ज़ोनल धरने के साथ संघर्ष कार्यक्रम की घोषणा की है।

जॉइंट एक्शन कमेटी के वक्ताओं अवतार सिंह कैथ, अमनदीप जेहलवी और जतिंदर गर्ग ने बुधवार को कहा कि ज़ोनल धरना और विरोध प्रदर्शन दो जनवरी को अमृतसर में शुरू होगा, इसके बाद बठिंडा छह जनवरी, पटियाला नौ जनवरी, लुधियाना 15 जनवरी और 20 जनवरी 2026 को जालंधर में होगा। जनवरी के आखिरी सप्ताह में पावरकॉम के हेड ऑफिस के बाहर एक बड़ा धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब सरकार ने कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया, तो पावर सेक्टर के सभी कर्मचारी, अधिकारी और इंजीनियर सामूहिक छुट्टी पर चले जाएंगे।

यह पहली बार है जब इंजीनियरों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों द्वारा विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के लिए एक संयुक्त संघर्ष की घोषणा की गयी है। यह बताया जा सकता है कि जॉइंट एक्शन कमेटी पावर कॉर्पोरेशन की ज़मीनों की बिक्री, रोपड़ थर्मल में दो 800 मेगावाट यूनिट स्थापित करने की प्रक्रिया में पैदा की जा रही बाधाओं और बिजली संशोधन विधेयक 2025 को लागू करने के प्रयासों के खिलाफ है।

पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन, काउंसिल ऑफ जूनियर इंजीनियर्स, बिजली मुलाज़म संघर्ष मोर्चा, पेंशनर्स एसोसिएशन, आईटी ऑफिसर्स एसोसिएशन, एचआर ऑफिसर्स एसोसिएशन, अकाउंट्स एसोसिएशन आदि ने मिलकर उपरोक्त तीनों मुद्दों पर संयुक्त लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में भाग लेना न केवल कर्मचारियों बल्कि आम लोगों का भी कर्तव्य है और जनहित में पंजाब के सार्वजनिक पावर सेक्टर को बचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि 14 दिसंबर को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के फैसले के अनुसार, किसान संगठन भी इस संघर्ष में भाग लेंगे। जेएसी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे जनहित में सार्वजनिक पावर सेक्टर को तुरंत बचायें।

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