बासागुड़ा/बीजापुर , नवंबर 26 -- छत्तीसगढ़ के संवेदनशील बासागुड़ा थाना क्षेत्र में सामुदायिक संवाद और सुरक्षा कार्रवाई के मिलेजुले प्रयास ने बुधवार को नई मिसाल पेश की। थाना बासागुड़ा की टीम ने निरीक्षक दीपक साहू के नेतृत्व और मार्गदर्शन में ग्राम नेण्ड्रा में चलित थाना एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां पुलिस बल ने ग्रामीणों से प्रत्यक्ष, सहज और विस्तृत संवाद स्थापित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल समस्याएं सुनना और समाधान देना ही नहीं था, बल्कि दशकों से माओवादी प्रभाव के कारण भरोसा-रहित हो चुके क्षेत्रों में पुलिस और जनता के बीच विश्वास की नई डोर स्थापित करना भी रहा।
बासागुड़ा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, संवाद के दौरान पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति की विस्तृत जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जो युवा भटककर विचारधारा या दबाव में हिंसा का रास्ता अपना चुके हैं, वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट सकते हैं और सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ लेकर सम्मानजनक एवं सुरक्षित जीवन जी सकते हैं।
पुलिस ने विशेष रूप से युवाओं और उनके परिवारों को भरोसा दिलाया कि पुनर्वास नीति सिर्फ घोषणा नहीं है, बल्कि आर्थिक सहायता, कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समायोजन जैसे आधारों पर खड़ी ऐसी व्यवस्था है, जिसमें लौटने वाले युवाओं को नया जीवन और नई पहचान दोनों मिलती हैं।
इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की कि वे माओवादी या किसी भी असामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाकर रखें और अपने गांव-जंगल-माटी की सुरक्षा, शांति और विकास के लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। ग्रामीणों से कहा गया कि क्षेत्र की स्थायी समृद्धि तभी कायम रहेगी जब हिंसा, नफरत और भय के स्थान पर सामुदायिक सहभागिता, संवाद और प्रशासनिक सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा।
इसी क्रम में पुलिस बल ने नेण्ड्रा के जंगल क्षेत्र में माओवादियों द्वारा निर्मित स्मारक को ध्वस्त कर दिया। पुलिस के अनुसार, यह स्मारक माओवादी प्रभाव और वर्चस्व का प्रतीक था, जिसे हटाना जंगल क्षेत्र में सुरक्षा वातावरण को सुदृढ़ करने और माओवादी वैचारिक-मनोवैज्ञानिक दबाव को कमजोर करने की दिशा में जरूरी माना गया। स्मारक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को सुनियोजित और सतर्क रणनीति के तहत अंजाम दिया गया, ताकि इलाके में किसी भी प्रकार का तनाव या दुष्प्रचार न फैले और सुरक्षा बलों की निगरानी प्रभावी बनी रहे।
ग्राम स्तर पर आयोजित इस चलित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष, किसान और युवा मौजूद रहे, जिन्होंने खुलकर अपनी बातें रखीं और सुरक्षा तथा विकास की दिशा में पुलिस द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर संतोष व्यक्त किया।
जिला पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया कि शांति, सुरक्षा और विकास के लिए जन-जागरूकता एवं विश्वास बहाली अभियान निरंतर जारी रहेगा। निरीक्षक दीपक साहू ने कहा कि "जंगल और गांव दोनों की असली ताकत जनता है, और पुलिस उनका सहयोग लेकर ही स्थायी समाधान सुनिश्चित करेगी।" कलेक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी लगातार मानते हैं कि सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ सामाजिक संवाद ही बस्तर-जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक बदलाव का मूल आधार है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित