पुरी , अक्टूबर 20 -- दीपावली के अवसर पर ओडिशा के सुप्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्मश्री से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर हजारों दीयों से जगमगाती देवी मां काली की सात फुट ऊंची रेत की एक अद्भुत मूर्ति बनायी है।

मां काली के आशीर्वाद से प्रेरित यह रेत कलाकृति दीपावली के आध्यात्मिक सार को दर्शाती है और साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण और 'वोकल फॉर लोकल' पहल को भी प्रतिध्वनित करती है।

रेत कलाकार सुदर्शन ने काली की मूर्ति पर संदेश लिखा, " हैप्पी दिवाली - आइये हम शक्ति के साथ आगे बढ़ें, आत्मनिर्भर भारत। " उन्होंने प्रदेशवासियों से भारत में निर्मित उपहार खरीदकर और पारंपरिक शिल्प एवं समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने तरीके से दीपावली मनाकर स्थानीय कारीगरों का समर्थन करने का आग्रह किया। लगभग छह टन रेत से बनायी गयी इस कलाकृति के केंद्र में एक प्रज्वलित दीया है, जो आशा, एकता और लचीलेपन का प्रतीक है और इसके चारों ओर देश की शक्ति, संस्कृति और आत्मनिर्भरता को दर्शाने वाले चित्र हैं।बालू पटनायक के सैंड आर्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों ने भी इस कलाकृति को बनाने में सहयोग दिया और समर्पण, टीम वर्क और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।

सुदर्शन पटनायक ने इस मूर्ति को लेकर कहा, " इस वर्ष, रेत कला के माध्यम से मेरा संदेश प्रत्येक भारतीय को मजबूती से खड़े होने और एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करना है। "श्री पटनायक ने अंतरराष्ट्रीय रेत मूर्तिकला चैंपियनशिप के विजेता होने के साथ ही और कई पुरस्कार हासिल किये हैं। वह अपनी कलाकृति का उपयोग शांति, जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक प्रदूषण सहित सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए करते रहते हैं।

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