रांची , नवम्बर 05 -- झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी-सीजीएल पेपर लीक मामले पर हेमंत सरकार पर तंज करते हुए आज कहा कि झारखंड सरकार की एक और तानाशाही सामने आई है।
श्री मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "झारखंड सरकार की तानाशाही का एक और उदाहरण: राज्य की बहुचर्चित जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में माननीय झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
।परंतु चौंकाने वाली बात यह है कि जब यह मामला न्यायालय के अधीन है, तब भी झारखंड सरकार और उसकी एजेंसियाँ छात्रों की आवाज़ उठाने वाले अगुआ कुणाल प्रताप जी को डराने-धमकाने में जुटी हैं।
पेपर लीक जैसे गंभीर मामले को लगातार उठाने वाले कुणाल प्रताप सिंह और प्रकाश पोद्दार को अब सीआईडी द्वारा नोटिस भेजा जाना यह दर्शाता है कि हेमंत सरकार अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सीआईडी का दुरुपयोग कर रही है तथा असली दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
हमें ज्ञात हुआ है कि 28 लड़के जो नेपाल पेपर पढ़ने गए थे और उनमें से जो 10 लोग पास हुए हैं, सीआई आडी ने उन 10 में से सिर्फ 1 को आरोपी बनाया है बाकी 9 लोगों को आरोपी नहीं बनाया गया है। साथ ही साथ मामले में कोर्ट में ये बाते भी कही गई की जिस मनीष और दीपिका के बयान पर सरकार के अधिकारी संतोष मस्ताना को जेल भेजा गया, वे दोनों लोग परीक्षा में सफल हैं और कोर्ट में इंटरवेनर भी बने हुए है।
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