नयी दिल्ली, सितम्बर 27 -- दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री रविन्द्र इन्द्राज सिंह ने शनिवार को कहा कि दिल्ली सरकार भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के आदर्शों पर चलकर न्याय, समानता और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रही है।

श्री इन्द्राज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय आत्म-सम्मान दिवस कार्यक्रम में कहा कि 27 सितम्बर 1951 को डॉ. आंबेडकर ने महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा हेतु तत्कालीन सरकार में अपने मंत्रिपद से इस्तीफा दिया था इसलिए यह दिन राष्ट्रीय आत्म-सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह केवल बाबा साहेब का व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि पूरे समाज को न्याय और समानता के मार्ग पर ले जाने वाला ऐतिहासिक कदम था। उन्होंने महिलाओं को संपत्ति, विवाह और उत्तराधिकार में समान अधिकार दिलाने का प्रयास किया लेकिन उस समय की सरकार ने इसकी अनदेखी की। बाबा साहेब का पूरा जीवन गरीब, दलित, वंचितों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहा।

उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने देश को ऐसा संविधान दिया, जिसने सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का अधिकार प्रदान किया। उन्होंने छुआछूत, जातिगत भेदभाव और सामाजिक अन्याय के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। बाबा साहेब ने दलित, पिछड़े वर्गों और वंचित समुदायों के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया, ताकि सामाजिक बराबरी स्थापित हो सके।

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