चंडीगढ़, सितंबर 29 -- पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सोमवार को "पंजाब का पुनर्वास" प्रस्ताव पर बोलते हुए राज्य के जल स्रोत मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विपक्ष पर बाढ़ पर राजनीति करने और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ राजनीति करने के लिए ही वे सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ओछी राजनीति के लिए सदन को यह कहकर गुमराह किया कि रणजीत सागर डैम से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जबकि सच्चाई यह है कि रणजीत सागर डैम से करीब 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि श्री बाजवा ने सदन में झूठ बोलकर अपराध किया है, जिसके लिए उन्हें सदन से माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि श्री बाजवा गत दिवस माधोपुर हेडवर्क्स टूटने के एक महीने बाद वहां का दौरा करके आए हैं लेकिन उन्होंने हेडवर्क्स का गेट खोलने के समय शहीद हुए विभाग के कर्मचारियों के बारे में एक शब्द तक नहीं कहा और न ही उन 26 कर्मचारियों के बारे में कोई शब्द बोला, जो माधोपुर हेडवर्क्स में फंसे थे और उन्हें एयरलिफ्ट करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जो विपक्ष पार्टी के नेता गुरदासपुर के सक्की नाले की सफाई न होने का झूठा प्रचार कर रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के अथक प्रयासों से अंतिम छोर तक नहरी पानी की पहुंच संभव हुई है। उन्होंने बताया कि 2022 से पहले प्रदेश के कृषि योग्य क्षेत्र में सिर्फ 21 प्रतिशत क्षेत्र में नहरी पानी उपलब्ध था, जिसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर 64 प्रतिशत कर दिया और भविष्य में इसे 31 मार्च, 2026 तक 76 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के खेतों को 38 से 40 साल बाद नहरी पानी मिला है, जिससे लोगों को बहुत राहत मिली है। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार की इस पहल से जहां भूमिगत जल की बचत हुई है, वहीं बांधो से पानी के सही उपयोग में भी वृद्धि हुई है।

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