चंडीगढ़ , दिसंबर 22 -- पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुडियन ने सोमवार को कहा कि पशुपालन विभाग ने राज्य में आई अभूतपूर्व बाढ़ के दौरान पशुओं की सुरक्षा के लिए एक ऐतिहासिक ऑपरेशन को अंजाम दिया।

श्री खुडियन ने कहा कि विभाग ने बाढ़ से प्रभावित 12 जिलों में तेज़ी से और बड़े पैमाने पर काम किया। उन्होंने बताया कि 713 प्रभावित गांवों में 492 रैपिड-रिस्पॉन्स पशु चिकित्सा टीमों को तैनात किया गया, इसके अलावा, इमरजेंसी ग्रिड स्थापित किया गया, जिसने 3.19 लाख से ज़्यादा पशुओं को मुफ्त इलाज दिया। उन्होने कहा, "हमारी टीमों ने ज़मीन पर अथक प्रयास किया, न केवल इलाज किया बल्कि बीमारियों को फैलने से भी रोका, यह सुनिश्चित किया कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ सुरक्षित रहे।" उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत के प्रयास इलाज और रोकथाम दोनों तरह के थे। हेमोरेजिक सेप्टीसीमिया को फैलने से रोकने के लिए, 2.53 लाख से ज़्यादा जानवरों को एचएस वैक्सीनेशन की मुफ्त बूस्टर डोज़ दी गयी।

विभाग ने जिला प्रशासन और एनजीओ के साथ मिलकर 20,000 क्विंटल से ज़्यादा चारा, 16,000 क्विंटल से ज़्यादा साइलेज, हज़ारों क्विंटल सूखा चारा और पुआल, 234 क्विंटल मिनरल मिक्सचर, 68 हज़ार से ज़्यादा डीवर्मर की खुराक और 194 किलोग्राम पोटेशियम परमैंगनेट वितरित किए। इसके अलावा, पशुपालकों को आपदा से निपटने के लिए मार्गदर्शन देने के लिए 1,619 जागरूकता शिविर आयोजित किये गये।

श्री खुडियां ने बताया कि राज्य के पॉलीक्लिनिक के लिए 22 आधुनिक एनिमल लिफ्टर खरीदे गये, और गुरदासपुर, पटियाला, लुधियाना, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब और अमृतसर में छह पॉलीक्लिनिक को उन्नत पशु चिकित्सा देखभाल के लिए नए इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट के साथ अपग्रेड किया गया। उन्होंने बताया कि पटियाला पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक में 54 लाख रुपये की लागत से एलेंगर-800 एमए डिजिटल रेडियोग्राफी सिस्टम लगाया गया है, जो जानवरों की स्वास्थ्य समस्याओं का तेजी से, बिना फिल्म के निदान करने में सक्षम बनाता है।

मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, श्री खुडियां ने बताया कि विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान मत्स्य पालन परियोजनाओं के लिए 187 लाभार्थियों को 5.82 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की। मछली पालन 43,683 एकड़ में किया गया, जिससे 2 लाख टन से अधिक मछली का उत्पादन हुआ, जबकि झींगा पालन 985 एकड़ में किया गया, जिससे चालू वर्ष के दौरान 2,550 टन का उत्पादन हुआ। सरकार ने 15.99 करोड़ मछली के बीज भी पैदा किये और 9,200 से अधिक लोगों को मछली पालन तकनीकों में प्रशिक्षित किया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित