नैनीताल , अक्टूबर 31 -- उत्तराखंड के बागेश्वर नगर पालिका के प्रभारी अधिशासी अधिकारी (ईओ) के पद पर नियुक्ति के मामले में शुक्रवार को विवाद खत्म हो गया है।

उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए बागेश्वर नगर पालिका के प्रभारी अधिशासी अधिकारी के पद पर नगर पालिका के अध्यक्ष की ओर से उठाए गए कदम पर रोक लगा दी है।

याचिकाकर्ता हयात सिंह परिहार की ओर से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि शासन ने उसे 17 सितंबर 2025 को बागेश्वर नगर पालिका का प्रभारी ईओ नियुक्त किया लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष ने उसे तीन सप्ताह तक वित्तीय अधिकार नहीं सौंपे।

इसी बीच नगर पालिका अध्यक्ष की ओर से 14 अक्टूबर,2025 को नगर पालिका के प्रधान सहायक विजय सिंह कनवासी को प्रभारी ईओ नियुक्त कर दिया गया। साथ ही याचिकाकर्त का स्थानांतरण हल्द्वानी कर दिया गया।

याचिकाकर्ता की ओर से नगर पालिका अध्यक्ष के इस कदम को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी और अदालत ने नगर पालिका के इस कदम पर रोक लगा दी।

याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि इसी दौरान शासन ने 14 अक्टूबर, 2025 को उसके हल्द्वानी स्थानांतरण आदेश और उसकी जगह की गई प्रभारी ईओ की नियुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि शासन के निर्णय के बाद उसकी नियुक्ति आदेश यथावत् है और नगर पालिका अध्यक्ष की ओर से विजय सिंह कनवासी की नियुक्ति गलत है। इसके बाद अदालत ने नगर पालिका के अध्यक्ष के 14 अक्टूबर के आदेश पर रोक लगा दी है।

अदालत के इस आदेश से साफ है कि ईओ पद पर नियमित नियुक्ति तक याचिकाकर्ता इस पद पर बतौर प्रभारी ईओ बनेे रहेंगे।

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