बेलगावी , नवंबर 14 -- कर्नाटक के चीनी एवं गन्ना विकास मंत्री शिवानंद पाटिल ने शुक्रवार को बागलकोट जिले के समीरवाड़ी में गन्ने से लदे ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की प्रतिबद्धता जतायी।
श्री पाटिल ने जिला प्रभारी मंत्री आरबी थिम्मापुर के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहाँ गुरुवार देर रात गोदावरी बायोरिफाइनरीज़ कारखाने के बाहर खड़ी कई ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, बाइकों और वाहनों में आग लगा दी गई थी, जिससे स्थानीय गन्ना किसानों में आक्रोश फैल गया।
मंत्री ने फसल और वाहन खोने वाले किसानों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि ज़िला प्रशासन द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद मुआवज़े को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राहत पैकेज का भुगतान या तो राज्य सरकार या बेलगावी स्थित एस निजलिंगप्पा चीनी संस्थान द्वारा किया जाएगा।
इस घटना को "दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए श्री पाटिल ने कहा कि जाँचकर्ता विभिन्न जानकारियों की जाँच कर रहे हैं और सरकार समय से पहले कोई टिप्पणी नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "हम इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे। कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि पेराई कार्य बाधित न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कड़ी की जाएगी।
श्री पाटिल ने कहा कि इस सीज़न में कर्नाटक के हस्तक्षेप से किसानों को चीनी की रिकवरी चाहे जो भी हो, प्रति टन 200 से 250 रुपये की अतिरिक्त कमाई करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि मिलों से रंगराजन समिति के 70:30 लाभ-बंटवारे के फॉर्मूले का पालन करने का भी आग्रह किया गया है।
कर्नाटक में 7.3 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है, जिसमें बेलगावी, विजयपुरा और बागलकोट का हिस्सा 5.67 लाख हेक्टेयर है। श्री पाटिल ने किसानों से पेराई सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सहयोग करने की अपील की और चेतावनी दी कि देरी से चीनी की पैदावार कम होगी, वज़न में कमी आएगी और अगले फसल चक्र की तैयारियाँ प्रभावित होंगी।
राज्य सरकार पर मिल मालिकों के दबाव में काम करने के आरोपों को खारिज करते हुए श्री पाटिल ने कहा कि प्रशासन ने उत्पादकों के लिए बेहतर कीमतें सुनिश्चित की हैं और साथ ही चीनी और उसके उप-उत्पादों की लाभप्रदता में पारदर्शिता पर भी ज़ोर दिया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित