उमरिया , अक्टूबर 8 -- मध्यप्रदेश में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में छत्तीसगढ़ से आए जंगली हाथियों का झुंड किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। आधा सैंकड़ा हाथियों ने मानपुर और पाली जनपद के गांवों में सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी धान की फसल रौंदकर बर्बाद कर दी, जिससे किसान परेशान हैं और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

सूत्रों के अनुसार, ये हाथी करीब एक वर्ष से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और उसके बफर जोन के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं। दर्जनों की संख्या में यह झुंड आसपास के ग्राम क्षेत्रों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है।

करकेली जनपद के ग्राम कुम्हर्रा के किसान हरभजन सिंह (50), ललिता बाई (35) और कृष्ण कुमार सिंह (40) ने बताया कि उनकी धान और कोदो-कुटकी की फसल को हाथियों ने पूरी तरह रौंदकर नष्ट कर दिया है।

वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन सिंह पटेल ने बताया कि विभाग जंगली हाथियों के मूवमेंट पर लगातार नजर रखे हुए है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और झुंड से दूर रहने की हिदायत दी गई है, क्योंकि हाथी जनहानि भी कर सकते हैं।

पाली जनपद के घुनघुटी, जमुड़ी और करकटी क्षेत्रों में 10 से 12 हाथियों का एक अन्य झुंड सक्रिय है, जिसमें दो नवजात हाथी भी शामिल हैं। इनके द्वारा 20 से अधिक किसानों की धान की फसल रौंदी गई है। किसान इंद्रपाल सिंह ने बताया कि झुंड के आतंक से लोग खेतों में जाना बंद कर चुके हैं और घरों में ही रहकर सुरक्षा कर रहे हैं।

वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन कांत ने बताया कि झुंड वर्तमान में करकटी जंगल के भीतर है और उसे धीरे-धीरे जंगल के गहरे हिस्से में भेजने का प्रयास किया जा रहा है। दो नवजात हाथियों की मौजूदगी के कारण मादा हाथियों का व्यवहार अधिक आक्रामक हो गया है, इसलिए ग्रामीणों को कड़ी चेतावनी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति उनके पास न जाए। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के किसानों ने फसल नुकसान का सर्वे शीघ्र कर प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है।

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