लखनऊ , दिसम्बर 6 -- अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने बहुजन समाज की मौजूदा सामाजिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और अम्बेडकर जयंती जैसे पावन अवसरों पर एक ही सवाल बार-बार उठता है कि बहुजनों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान पर आधारित अच्छे दिन आखिर कब आएंगे।
सुश्री मायावती ने कहा कि संविधान के मानवीय और कल्याणकारी उद्देश्यों के अनुरूप देश के दलितों, पिछड़ों और वंचित समाज को आज भी वह अधिकार, समता और सम्मान नहीं मिल पा रहा, जिसकी कल्पना डॉ. अम्बेडकर ने संविधान निर्माण के दौरान की थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में अम्बेडकर के रास्ते पर चलना समय की सर्वाधिक बड़ी जरूरत है।
बसपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश की पूर्व बसपा सरकारों में बहुजन समाज के सम्मान व उत्थान के लिये उठाए गए कदमों को भी याद किया और कहा कि जातिवादी पार्टियां आज भी बहुजनों को सत्ता की "मास्टर चाबी" से दूर रखने के लिए राजनीतिक हथकंडे अपनाती रही हैं।
रुपये में हाल के दिनों में आए भारी अवमूल्यन पर चिंता जताते हुए उन्होने कहा कि यह केवल आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय महत्व का विषय है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि आर्थिक सलाहकारों से आगे बढ़कर शीर्ष स्तर पर हस्तक्षेप करते हुए गिरते रुपये को संभालने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।
सुश्री मायावती ने बहुजन समाज से मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हर योग्य नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज होना लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में बेहद जरूरी है।
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