लखनऊ: , दिसंबर 24 -- उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घने कोहरे वाले मार्गों एवं क्षेत्रों में रात्रिकालीन सेवाओं को आवश्यकता अनुसार कम किया जाए। बस स्टेशनों द्वारा यह तय किया जाए कि कोहरे की स्थिति में बस का संचालन किया जाना है अथवा रोकना है। रात्रि सेवाओं में पुराने एवं अनुभवी चालकों की तैनाती सुनिश्चित की जाए तथा यह भी देखा जाए कि रात्रि सेवा पर तैनात चालक ड्यूटी से पूर्व न्यूनतम आठ घंटे का विश्राम प्राप्त कर चुका हो।

बुधवार को परिवहन मंत्री ने सर्दियों के मौसम में बसों के सुरक्षित एवं नियंत्रित संचालन को लेकर परिवहन निगम के अधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इस मौसम में प्रातःकालीन कोहरा, सड़कों पर फिसलन और दृश्यता में कमी जैसी परिस्थितियाँ अधिक होती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। अच्छे ईंधन रिकॉर्ड एवं दुर्घटनारहित चालकों को ही लंबी दूरी एवं रात्रिकालीन सेवाओं में लगाया जाए। पचास प्रतिशत से कम लोड फैक्टर वाली रात्रिकालीन सेवाओं को स्थगित रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।

श्री दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए कि कोहरे की स्थिति में बसों का संचालन 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की गति पर न किया जाए। अत्यधिक कोहरे में बसों को किसी सुरक्षित स्थान पर रोककर दृश्यता सामान्य होने के बाद ही आगे गंतव्य के लिए रवाना किया जाए। बस अड्डों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लगातार यह घोषणा कराई जाए कि घने कोहरे में धीमी गति से बस संचालन यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। यात्रियों से भी अपील की जाए कि वे चालक अथवा परिचालक पर गति बढ़ाने का दबाव न डालें।

परिवहन मंत्री ने कहा कि लंबी दूरी एवं रात्रिकालीन सेवाओं की बसों को आउट शेडिंग से पूर्व निर्धारित 13 बिंदुओं की जांच तथा समय-समय पर 31 बिंदुओं की तकनीकी जांच कर भौतिक सुधार सुनिश्चित किया जाए। निगम एवं अनुबंधित बसों में आगे एवं पीछे रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप, ऑल वेदर बल्ब, फॉग लाइट, वाइपर एवं शीशों की पूर्ण कार्यशीलता सुनिश्चित होने के बाद ही बसों को मार्ग पर भेजा जाए।

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