पटना , नवंबर 26 -- राजधानी पटना में बुधवार को आयोजित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों पर बढ़ते दबाव पर चिंता जताते हुये कहा कि दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और वंचित वर्गों को अब पहले से ज्यादा संगठित होकर अपनी राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी होगी।
उन्होंने कहा कि बसपा सिर्फ सत्ता हासिल करने की पार्टी नहीं, बल्कि अंबेडकर और कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाने वाला सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन है।
बैठक में राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी संगठन एक नये चरण में प्रवेश कर चुका है। कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने और नये संकल्प के साथ मैदान में उतारने के लिये ही यह समीक्षा बैठक आयोजित की गई है।
उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुये आरोप लगाया कि मतदान से पहले महिलाओं के खातों में भेजी गई बड़ी राशि ने चुनाव को प्रभावित किया, लेकिन आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
सांसद श्री गौतम ने बताया कि कई सीटों पर बसपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही, लेकिन इन वोटों को जीत में बदलने में कमी रह गई। इसी कमी को दूर करने के लिए संगठनात्मक ढांचे की गहन समीक्षा और बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की गई। उन्होंने यह भी दोहराया कि बसपा किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी, क्योंकि उसकी विचारधारा किसी अन्य दल से मेल नहीं खाती।
बैठक में प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार भी मौजूद रहे। बैठक का मूल उद्देश्य हालिया विधानसभा चुनावों का विश्लेषण, संगठन की कमजोरियों की पहचान और भविष्य में बसपा को और मजबूत दिशा देना था।
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