पटना , अक्टूबर 25 -- बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के तहत 06 नवंबर को होने वाले चुनाव में शेखपुरा जिले की बरबीघा विधानसभा सीट से दो बार के विधायक रहे सुदर्शन कुमार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) से बेटिकट होने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी ही पूर्ववर्ती पार्टी जदयू के प्रत्याशी पर निशाना लगा रहे हैं,वहीं शेखपुरा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।

बिहार विधानसभा चुनाव में बरबीघा सीट पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। इस बार के चुनाव में जदयू ने वर्तमान विधायक सुदर्शन कुमार को बेटिकट कर पूर्व विधायक स्व. प्रो. आरपी शर्मा के पुत्र कुमार पुष्पंजय को उम्मीदवार बनाया है,वहीं कांग्रेस ने त्रिशूलधारी सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा है। जदयू से टिकट नहीं मिलने से नाराज श्री कुमार पार्टी से बगावत कर निर्दलीय ही समर में उतर आये हैं और सियासी रणभूमि में अपनी पूर्ववर्ती पार्टी जदयू के तीर को काटने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्व सांसद स्व. राजो सिंह के पौत्र और पूर्व मंत्री संजय कुमार सिंह के पुत्र सुदर्शन कुमार ने वर्ष 2015 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और राष्ट्रीय लोक समता पाटी (रालोसपा) उम्मीदवार शिव कुमार को 15717 मतों के अंतर से परास्त किया था। वर्ष 2020 के चुनाव में सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस का साथ छोड़कर जदयू का हाथ थाम लिया था। इस चुनाव में जदयू और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच बेहद नजदीकी मुकाबला हुआ था।जदयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार ने मात्र 113 वोटों से अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के गजानन्द शाही को हराया था।

बरबीघा विधानसभा सीट से बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने वर्ष 1957 के चुनाव में जीत दर्ज की थी। इस सीट पर महावीर चौधरी और उनके परिवार का दबदबा रहा है। महावीर चौधरी ने 1980,1985,1990 और 1995 और इसके बाद उनके पुत्र अशोक चौधरी (अभी नीतीश सरकार में मंत्री) ने 2000 और फरवरी 2005 में जीत दर्ज की।कांग्रेस के दिग्गज और शेखपुरा के संस्थापक माने जाने वाले पूर्व सांसद राजो सिंह पहली बार वर्ष 1972 में बरबीघा से विधायक बनें। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी राजो सिंह ने पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के पुत्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) प्रत्याशी शिव शंकर सिंह को पराजित किया था।इसके बाद वर्ष 1977, 1980,1985,1990 और वर्ष 1995 लगातार पांच बार राजो सिंह शेखपुरा से विधायक रहे। वह एक बार राज्यमंत्री भी बने। उन दिनों बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कोई भी हो सत्ता में दबदबा राजो सिंह का ही रहता था। उनके समर्थक उन्हें 'सीएम' के जैसी ताकत वाला नेता मानते थे। राजद के शासन काल में उनके ही प्रयास से शेखपुरा जिला बना था। इस बार के चुनाव में बरबीघा विधानसभा सीट से नौ उम्मीदवार भाग्य आजमां रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि सुदर्शन कुमार इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगा पाते हैं या कांग्रेस के प्रत्याशी त्रिशूलधारी सिंह को जनता का साथ मिलता है।

शेखपुरा विधानसभा सीट पर राजद ने विधायक विजय सम्राट पर फिर से दांव लगाया है, वहीं जदयू ने पूर्व विधायक रणधीर कुमार सोनी को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2020 के चुनाव में राजद के विजय सम्राट ने जदयू के श्री सोनी को पराजित किया था। इस बार भी दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। इस सीट पर विधायक सुदर्शन कुमार की मां सुनीला देवी ने दो बार जीत हासिल की है। वहीं सुदर्शन कुमार के पिता संजय कुमार ने वर्ष 1998 उप चुनाव और 2000 में इस सीट का प्रतिनिधत्व किया है। इस सीट पर नौ प्रत्याशी चुनावी समर में खड़े हैं। श्री सोनी जहां सियासी भूमि पर इस सीट पर तीसरी बार जीत की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं,वहीं राजद प्रत्याशी विजय सम्राट दूसरी बार यहां राजद का लालटेन रोशन करने की फिराक में हैं। देखना दिलचस्प होगा कि यहां किस पार्टी के उम्मीदवार को सफलता मिलती है।

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