रांची , नवम्बर 25 -- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी के द्वारा दिए गए बयान के बाद मची राजनीतिक बवाल के बीच उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया है।

डॉ अंसारी ने कहा कि जामताड़ा में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है, और कुछ लोग फर्जी बीएलओ बनकर वोटर सूची में नाम जोड़ने या काटने के नाम पर जनता को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने इसी मुद्दे को लेकर जनता को सचेत किया, लेकिन भाजपा ने मेरी सीधी-साधी चेतावनी को तोड़-मरोड़कर मुझे "नेशनल हीरो" बनाने का प्रयास किया-यह साबित करता है कि भाजपा अब असली और नकली की पहचान करने में पूरी तरह असमर्थ और नैतिक रूप से दिशा-हीन हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि वह केवल इतना कहे थे कि बीएलओ सरकार और चुनाव आयोग का अधिकृत अंग है, और एसआईआर प्रक्रिया के तहत नाम जोड़ने या काटने का नियम तय है-जनता उसमें सहयोग करे। जहाँ कहीं भी कोई गलत गतिविधि या फर्जीवाड़ा होगा, वहाँ कांग्रेस पार्टी पंचायत स्तर पर अधिकृत बीएलओ की मदद से गरीब और साधारण लोगों को पूरी सहायता देगी, और उनसे यदि कोई अतिरिक्त दस्तावेज माँगा जा रहा है तो उसे उपलब्ध कराने में भी हर संभव मदद करेगी। मैंने कभी भी बीएलओ के खिलाफ कुछ नहीं कहा।

बीएलओ लोकतंत्र की मुख्य कड़ी हैं, निर्वाचन आयोग के सम्मानित अधिकारी हैं। मेरी बात केवल उन फर्जी तत्वों पर थी जो बीएलओ के नाम पर ग्रामीणों को ठग रहे हैं।

भाजपा मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। भाजपा अब पूरी तरह मुद्दाविहीन हो चुकी है।विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी, किसान-इन सब पर उनका कोई जवाब नहीं है। इसलिए वे बौखलाहट में मेरे बयान का गलत अर्थ निकालकर भ्रम फैलाने में जुट गए हैं। भाजपा के पास जनता से कहने के लिए कुछ नहीं बचा है, इसलिए मेरे बयान को तोड़ना-मरोड़ना ही उनका अब अंतिम सहारा बन गया है। भाजपा को 'इरफान फोबिया' हो गया है। भाजपा दिन-रात सिर्फ इस चीज़ से परेशान है। उन्हें हर जगह मैं ही नज़र आता हूँ। यह उनकी हताशा और भय का साफ़ संकेत है।

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