चंपावत , अक्टूबर 24 -- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत के बनबसा स्थित लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई) द्वारा लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाली आधुनिक लैंड पोर्ट परियोजना का निरीक्षण करते हुए कहा कि यह परियोजना भारत-नेपाल के बीच सहयोग, व्यापार और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में बेहद सहायक सिद्ध होगी।
श्री धामी ने कहा कि बनबसा के गुल्मी क्षेत्र में निर्मित होने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना को उत्तराखंड सरकार के सहयोग से तेजी से आगे बढ़ा रही है। परियोजना के प्रारंभ से ही पर्यावरणीय मंजूरी, प्रतिपूरक पौधारोपण और भूमि हस्तांतरण जैसी औपचारिकताएँ पूर्ण होती रही हैं। इस वर्ष पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लगभग 84 एकड़ वन भूमि को अंतिम स्वीकृति मिल चुकी थी, जिसके बाद परियोजना के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया है।
श्री धामी ने कहा कि लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रहा यह आधुनिक लैंड पोर्ट भारत और नेपाल के बीच व्यापार एवं यात्री आवागमन के लिए एक समेकित, सुविधाजनक और सुरक्षित प्रणाली विकसित करेगा। यहाँ कस्टम, सुरक्षा, व्यापार एवं बॉर्डर से जुड़ी सभी प्रमुख एजेंसियाँ एक ही परिसर में कार्य करेंगी जिससे सीमा प्रबंधन में अधिक तेज़ी एवं पारदर्शिता आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना केवल अवसंरचना निर्माण तक सीमित नहीं है बल्कि यह सीमांत क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य को बदलने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि रणनीतिक रूप से स्थित बनबसा लैंड पोर्ट सीमा पार व्यापार को भी सशक्त बनाएगा, कृषि एवं औद्योगिक उत्पादों के लिए एक औपचारिक प्रवेश द्वार तैयार करेगा और स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
उन्होंने कहा कि लैंड पोर्ट के माध्यम से किसानों और छोटे उत्पादकों को सीमा पार बाजारों तक सीधी पहुँच मिलेगी, जिससे परिवहन लागत घटेगी और उत्पादों का मूल्य संवर्धन संभव होगा। साथ ही यह पहल भारत और नेपाल के आपसी संबंधों को और मजबूत करेगी, जिससे पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पारस्परिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
श्री धामी ने कहा कि यह परियोजना भारत सरकार की क्षेत्रीय एकीकरण और सुरक्षित, सतत सीमा विकास नीति के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि एलपीएआई द्वारा डिज़ाइन प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसा पर्यावरण-अनुकूल मॉडल तैयार किया जाएगा जो आधुनिकता और प्रकृति संरक्षण का संतुलित उदाहरण बने।
उन्होंने ने केन्द्र सरकार के भूमि पोर्ट प्राधिकरण और राज्य के सभी विभागों और एजेंसियाँ को आपसी समन्वय से कार्य करने की बात कही ताकि निर्माण कार्य शीघ्र हो सके। उन्होंने कहा कि बनबसा लैंड पोर्ट परियोजना उत्तराखंड की सीमाओं को समृद्धि, सहयोग और अवसरों की नई पहचान देगी। इस दौरान अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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