एमसीबी , दिसंबर 23 -- खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में भरोसे और पारदर्शिता का नया अध्याय लिख रहा है। राज्य सरकार द्वारा लागू की गई किसान-केंद्रित, सरल और पूरी तरह पारदर्शी धान खरीदी व्यवस्था से किसानों में विश्वास बढ़ा है। इसी व्यवस्था की सकारात्मक तस्वीर ग्राम खड़गवां की महिला किसान पार्वती के अनुभव से सामने आई है, जिन्होंने खड़गवां उपार्जन केंद्र में धान विक्रय कर बदली हुई प्रणाली का लाभ प्रत्यक्ष रूप से महसूस किया।

मंगलवार को जिला जनसंपर्क अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक पार्वती पति बुद्धू वर्षों से खेती कार्य से जुड़ी हैं और एक महिला किसान के रूप में उन्होंने मौसम की अनिश्चितता, बढ़ती लागत और बाजार की चुनौतियों का सामना किया है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान खरीदी और 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की नीति ने उनके मन से असुरक्षा की भावना को दूर किया है। यह व्यवस्था उनके लिए केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का आधार बनी है। खड़गवां उपार्जन केंद्र पर 'तुहर टोकन 24x7' प्रणाली के माध्यम से निर्धारित तिथि पर टोकन प्राप्त कर जब पार्वती केंद्र पहुंचीं, तो उन्हें सुव्यवस्थित और संवेदनशील व्यवस्था देखने को मिली। बैठने की सुविधा, स्वच्छ पेयजल और कर्मचारियों का सहयोगी व्यवहार किसानों के प्रति सम्मान को दर्शाता है। डिजिटल तौल कांटा, फोटो आधारित सत्यापन और समय पर डेटा एंट्री से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और भरोसेमंद रही।

इस सत्र में पार्वती ने कुल 56 क्विंटल धान का सफल विक्रय किया। भुगतान राशि सीधे उसके बैंक खाते में जमा होने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। पार्वती ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में लागू किसान हितैषी नीतियों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह व्यवस्था विशेषकर महिला किसानों के मनोबल को नई ऊंचाई दे रही है और खेती को सम्मानजनक आजीविका के रूप में स्थापित कर रही है।

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