लखनऊ , अक्टूबर 15 -- संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के निदेशक निदेशक प्रो. आर के धीमान ने बच्चों में मोटापे की समस्या पर चिंता जताते हुये कहा कि मोटापा न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, इसलिए बच्चों में संतुलित आहार और पर्याप्त नींद बेहद आवश्यक है।
राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर बुधवार को संस्थान के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओर से "बच्चों में मोटापा" विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में बढ़ते मोटापे और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति समाज को जागरूक करना था। इस दौरान धीमान ने "बच्चों में मोटापे/फैटी लीवर की जागरूकता एवं प्रबंधन" विषय पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया। यह पुस्तिका पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के संकाय सदस्यों के सहयोग से तैयार की गई है।
कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. उज्जल पोद्दार ने कहा कि बच्चों के खानपान में फल, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन शामिल करना चाहिए। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे बच्चों को जंक फूड और मीठे पेय से दूर रखें। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र गुप्ता ने मोटापे की रोकथाम के लिए नियमित व्यायाम और सक्रिय दिनचर्या अपनाने की सलाह दी।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि मोटापे की रोकथाम और प्रबंधन से जुड़ी जानकारियों को इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जाए। प्रो. प्रवीर राय ने कहा कि यह पुस्तिका समुदाय में स्वस्थ जीवनशैली के संदेश को फैलाने में उपयोगी सिद्ध होगी।
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