लखनऊ , नवम्बर 26 -- उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की महानिदेशक मोनिका रानी ने कहा कि स्कूल रेडीनेस के माध्यम से राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक बच्चे को सीखने का समान अवसर प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से नोडल एसआरजी और जिला समन्वयक प्रशिक्षण/डायट मेंटर्स अब प्रदेशभर में गतिविधि-आधारित, प्री-स्किल आधारित और बाल-केंद्रित शिक्षण मॉडल को प्रभावी रूप से लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
उत्तर प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत आधार देने के उद्देश्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से तीन दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन बुधवार को हुआ। कार्यशाला में प्रदेश के 75 जिलों से 150 नोडल विशेषज्ञ (प्रत्येक जिले से एक एसआरजी और एक जिला समन्वयक प्रशिक्षण या डायट मेंटर) ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम को प्रदेशभर में प्रभावी रूप से लागू करना था, ताकि कक्षा-1 में प्रवेश करने वाले बच्चों को सीखने की समान एवं मजबूत आधारशिला प्रदान की जा सके। प्रशिक्षण के दौरान नोडल विशेषज्ञों को पूर्व-प्राथमिक शिक्षा से संबंधित प्रमुख प्री-कॉन्सेप्ट, भाषा विकास, प्रारंभिक गणितीय दक्षताओं तथा पर्यावरण संबंधी बुनियादी अवधारणाओं से अवगत कराया गया। इससे वे नवप्रवेशित बच्चों को औपचारिक शिक्षा की ओर सहज रूप से अग्रसर करने में सक्षम बन सकें।
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