नयी दिल्ली , नवंबर 11 -- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली के सभी स्कूलों की पांचवी कक्षा तक के छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से चलेगी ताकि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बच्चों को बचाया जा सके।
श्रीमती गुप्ता ने आज उच्चस्तरीय बैठक में प्रदूषण की स्थिति को लेकर उच्चस्तयरीय समीक्षा बैठक के बाद कहा कि प्रदूषण से जुड़ी चुनौतियों का समाधान अब मिशन मोड में और बिना किसी देरी के किया जा रहा है।
बैठक में वायु प्रदूषण के तीन प्रमुख कारणों जैसे वाहन प्रदूषण, बायोमास बर्निंग या खुले में कूड़ा जलाना और धूल प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए कि इन समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और समयबद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राजधानी में सीएक्यूएम द्वारा ग्रेप के चरण-III लागू किया जा रहा है इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा पांचवी तक दिल्ली के स्कूलों को अस्थायी रूप से हाइब्रिड मोड में संचालित किया जाएगा। पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की कक्षाएं आवश्यकतानुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आयोजित की जाएंगी ताकि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बच्चों को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए वॉटर स्प्रिंकलर्स, एंटी-स्मॉग गन, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, कूड़े के ढेरों का त्वरित निस्तार और निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण से सम्बंधित नियम जैसी व्यवस्थाएं पहले से सख्ती से लागू हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार मौजूदा प्रदूषण स्थिति को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए मिशन मोड में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राजधानी में सीएक्यूएम द्वारा ग्रेप के चरण-III को सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाली निर्माण साइटों या अन्य प्रदूषण स्रोतों पर तुरंत सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी और भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इस नीति का पालन सभी विभागों द्वारा पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण और पर्यावरणीय मानकों के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इस वर्ष एनफोर्समेंट टीमों को और मज़बूत किया है। इस उद्देश्य से, इस वर्ष एनफोर्समेंट टीमों की संख्या को बढ़ाकर 2,088 कर दिया गया है। इन अतिरिक्त टीमों को विशेष रूप से उन स्थानों पर तैनात किया जाएगा, जहां प्रदूषण की समस्या अधिक गंभीर है या जहां नियमों के उल्लंघन की शिकायतें मिलती रही हैं। साथ ही डिविज़नल कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट्स को इन सभी टीमों की निगरानी करने के भी निर्देश दिए गए है। ये टीमें सड़कों पर गश्त करेंगी, वाहनों का निरीक्षण करेंगी और मानदंडों का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करेंगी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के विभिन्न प्रदूषण हॉटस्पॉट क्षेत्रों की रिपोर्ट से पता चला है कि कई स्थानों पर खुले क्षेत्र और कच्ची सतहें धूल प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से पक्का किया जाए, नियमित साफ-सफाई की जाए और प्रभावी धूल नियंत्रण उपाय अपनाए जाएं। धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि दिल्ली की सड़कों को शीघ्र 'वॉल टू वॉल' बनाया जाए, ताकि सड़क किनारों पर जमा धूल को पूरी तरह समाप्त किया जा सके और स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित