झुंझुनू , अक्टूबर 17 -- राजस्थान में झुंझुनू के यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम मामलों के विशेष न्यायालय ने एक आठ वर्षीय बालिका से अमानवीय मारपीट करके उसे लावारिस छोड़ने के मामले में पीड़िता की मां और उसके लिव -इन साथी को शुक्रवार को दोषी करार देते हुए उन्हें सात-सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

विशिष्ट न्यायाधीश इसरार खोखर ने लीलम देवी और उसके लिव-इन साथी सोनू शर्मा को बालिका से अमानवीय व्यवहार करने का दोषी ठहराते हुए उन पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी किया।

यह मामला अप्रैल 2023 का है। झुंझुनू-महेन्द्रगढ़ सीमा पर नालपुर गांव में बच्ची की मां लीलम देवी ने चार शादियां की थीं। वह अपने चौथे पति धर्मवीर मेघवाल को छोड़कर अपनी बेटियों के साथ सोनू शर्मा के साथ लिव-इन में रह रही थी। विगत 23 अप्रैल की रात दोनों ने आठ वर्ष की बालिका को इतना मारा कि वह बुरी तरह घायल हो गयी। बाद में दोनों ने उसे बस में बैठाकर उसके सौतेले पिता के गांव दुलोठ अहीर भेज दिया। जब बच्ची वहां उतरी तो स्थानीय लोगों ने उसे पहचान लिया और तुरंत उसके सौतेले पिता के घर पहुंचाया। ग्रामीणों ने बच्ची की हालत देखकर पुलिस और सरपंच को सूचना दी। मेहाड़ा थाना पुलिस ने उसे अस्पताल भेजा, जहां मेडिकल जांच में कई गंभीर चोटों की पुष्टि हुई।

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