कोलकाता , अक्टूबर 22 -- पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी(सीईओ) कार्यालय ने प्रदेश भर के लगभग 1,000 बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि बीएलओ के रूप में नियुक्त कई सरकारी स्कूल शिक्षकों ने या तो नियुक्ति पत्र स्वीकार करने से इनकार कर दिया है या औपचारिक रूप से सौंपी गई ड्यूटी से छूट मांगी है। इसके जवाब में सीईओ ने इन बीएलओ को अपने इनकार का कारण बताते हुए लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में जारी किए गए इन नोटिसों का जवाब 72 घंटों के भीतर देना अनिवार्य है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम कई जिलाधिकारियों और जिला चुनाव अधिकारियों की उन रिपोर्टों के बीच उठाया गया है जिनमें कहा गया है कि बढ़ती संख्या में शिक्षक मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया के एक अनिवार्य हिस्से बीएलओ की जिम्मेदारी लेने से हिचकिचा रहे हैं।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एसआईआर प्रक्रिया के सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का काम सौंपा था। राज्य में बीएलओ की भर्ती इस महीने के आरंभ में ही शुरू हो गई थी। सभी जिलों में मतदाता सूचियों से संबंधित मानचित्रण और अपलोडिंग का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें नवीनतम मतदाता सूचियों की तुलना 2002 के एसआईआर डेटा से करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
अगस्त 2025 में, शिक्षकों के एक वर्ग द्वारा कानूनी चुनौती के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को बीएलओ कर्तव्यों से छूट नहीं दी जाएगी।
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