कोलकाता , नवंबर 02 -- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से पहले राज्य के युवाओं को एकजुट करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने डिजिटल आउटरीच अभियान, 'नमो युवा योद्धा' शुरू किया है।

भाजपा के इस कदम की तृणमूल कांग्रेस ने आलोचना की है और इसे अभिषेक बनर्जी की अमी बांग्लार डिजिटल जोद्धा ("मैं बंगाल का डिजिटल योद्धा हूं") का मुकाबला करने की कोशिश बताया है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य सत्तारूढ़ तृणमूल द्वारा कथित रूप से फैलाए जा रहे "भ्रष्टाचार, कुशासन एवं गलत सूचना" का मुकाबला करने के लिए युवा स्वयंसेवकों को "डिजिटल योद्धाओं" के रूप में तैयार करना है।

कोलकाता में आईसीसीआर में आयोजित इस समारोह में राज्य भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य, सांसद बिप्लब कुमार देब और सुनील बंसल तथा युवा नेता इंद्रनील खान और अनूप साहा शामिल हुए।

पार्टी ने एक समर्पित वेबसाइट और एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया जिसके माध्यम से युवा समर्थक 'नमो युवा योद्धा' के रूप में अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस पहल की कल्पना केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील बंसल के मार्गदर्शन में की गई थी जिससे बंगाल के लिए डिजिटल कैडर तैयार किया जा सके जो चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर अपनी बात रख सकें।

अभियान के प्रतीक चिन्ह में पश्चिम बंगाल के नक्शा के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तस्वीर है, जिससे पता चलता है कि इस कार्यक्रम को विशेष रूप से इसी राज्य के लिए तैयार किया गया है।

हालांकि भाजपा नेता इस बात को खारिज कर रहे हैं कि यह कदम तृणमूल के 'अमी बांग्लार डिजिटल जोद्धा' का जवाब है जिसे अभिषेक बनर्जी ने दो सप्ताह पहले शुरू किया था। लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि दोनों दलों के बीच डिजिटल युद्ध अब स्पष्ट रूप से दिख रहा है। हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल ने भाजपा के इस अभियान को "नकल और हताशा वाला प्रयास" बताया है।

राजनीतिक विश्लेषक दोनों दलों की ओर से एक तरह के प्रयासों को इस बात का संकेत मानते हैं कि बंगाल का चुनावी क्षेत्र निर्णायक रूप से रैलियों से रीलों में बदल रहा है।

राजनीति विज्ञानी बिश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा, "दोनों पार्टियां मानती हैं कि अब डिजिटल जुड़ाव धारणा को बढ़ावा दे रहा है। भाजपा के पास राज्य में टीएमसी जैसा ज़मीनी नेटवर्क नहीं है और उसके लिए सोशल मीडिया पहुंच प्रदान करता है। टीएमसी के लिए, यह सोशल मीडिया पर अपना दबदबा काम रखने और अपने रिकॉर्ड को बचाने का मामला है।"हालांकि टीएमसी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उनके अभियान ने पहले ही विभिन्न जिलों में हजारों युवा प्रतिभागियों को प्रेरित किया है।

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