कोलकाता , नवंबर 12 -- पश्चिम बंगाल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने बुधवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण(एसआईआर) की प्रगति की समीक्षा कीसीईओ मनोज अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शामिल आधार अधिकारियों ने बताया कि आधार कार्ड रखने वाले लगभग 34 लाख मृत व्यक्तियों का विवरण पहले ही चुनाव आयोग के साथ साझा किया जा चुका है।

बैठक में मौजूद एक आधार अधिकारी ने बताया कि 13 लाख अन्य लोगों की पहचान उन मृत व्यक्तियों के रूप में की गई है जिनके पास आधार कार्ड नहीं थे और उनके नाम भी साझा किए गए हैं।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि एक बार डेटा का सत्यापन हो जाने के बाद मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस अभ्यास से यह सुनिश्चित होगा कि मतदाता सूची सटीक और अद्यतित है।

यह कदम भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आधार अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के बाद उठाया गया है। सभी क्षेत्रों को मृत व्यक्तियों का डेटा संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालयों के साथ साझा करना होगा।

अधिकारियों ने कहा कि यह जानकारी एसआईआर के दौरान मृत मतदाताओं के नामों का पता लगाने और उन्हें हटाने में मदद करेगी। यदि मृत व्यक्तियों के नाम पर गणना प्रपत्र जमा किए गए पाए जाते हैं, तो संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) उन व्यक्तियों को स्पष्टीकरण के लिए बुलाएगा जिन्होंने ये प्रपत्र जमा किए थे। कुछ मामलों में, संबंधित बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को भी स्पष्टीकरण के लिए बुलाया जा सकता है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मृत व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में न रहे।

इस बीच पूरे पश्चिम बंगाल में गत चार नवंबर को शुरू हुआ गणना प्रपत्रों का वितरण आज नौवें दिन में प्रवेश कर गया। बीएलओ 2002 की मतदाता सूची के आधार पर अद्यतन मतदाता विवरण एकत्र करने के लिए घर-घर जा रहे हैं, जिसके बाद जानकारी एक निर्दिष्ट ऐप के माध्यम से अपलोड की जाती है।

आयोग का लक्ष्य एसआईआर प्रक्रिया में देरी को रोकने के लिए अगले कुछ दिनों के भीतर राज्य भर में सभी फॉर्मों का वितरण पूरा करना है।

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